क्या आप जानते हैं स्पॉट ट्रीटमेंट और पिंपल पैच के बीच अंतर

क्या किसी खास त्योहार से पहले ही आपके चेहरे पर पिंपल्स हो जाते हैं? ऐसे में दिमाग में यह सवाल आता है कि जल्दी मुंहासे को ठीक कैसे करें? मुहांसों की समस्या से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्खे आजमाएं जा सकते हैं। इसके अलावा, पिंपल पैच और एक्ने स्पॉट ट्रीटमें भी किया जा सकता है।

शायद आपने इन दोनों प्रोडक्ट का नाम पहली बार सुना होगा? आज इस आर्टिकल में डॉक्टर गीतिका आपको इन दोनों के बीच का अंतर बताएंगी। साथ ही, पिंपल्स को कम कैसे किया जा सकता है।
क्या होता है स्पॉट ट्रीटमेंट
स्पॉट ट्रीटमेंट में एक्टिव इंग्रीडियंट्स की मदद से एक्ने स्पॉट को ट्रीट किया जाता है।
अगर स्पॉट ट्रीटमेंट के लिए इस प्रोडेक्ट का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, तो ड्राइनेस की समस्या हो जाती है। इसके अलावा, खुजली की भी परेशानी होने लगती है। इसलिए आपको पता होना चाहिए कि त्वचा पर इस प्रोडक्ट का कितना इस्तेमाल करना चाहिए।
स्पॉट ट्रीटमेंट एक्ने के अलग-अलग टाइप पर भी इफेक्टिव होते हैं। इसमें सूजन भी शामिल है।
पिंपल्स, व्हाइटहेड्स और ब्लैकहेड्स पर भी डायरेक्ट अप्लाई किया जा सकता है।
जब एक ही जगह पर बहुत सारे पिंपल्स होने लगे, तब इसे ब्रेकआउट कहा जाता है। ब्रेकआउट्स की समस्या को कम करने के लिए भी ये उपयोगी है।
क्या होते हैं पिंपल पैचेस
पिंपल पैचेस हाइड्रोकोलॉइड से बनते हैं, जो एक मॉइश्चर अब्जॉर्बिंग ड्रेसिंग है। इनका इस्तेमाल घाव को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
पिंपल पैचेस ट्रांसपेरेंट होते हैं। यानी अगर आप चेहरे पर इनका उपयोग करेंगी, तो यह नजर नहीं आएंगे। आप दिन में इनका उपयोग कर सकती हैं।
स्पॉट ट्रीटमेंट के मुकाबले पिंपल पैचेस के इस्तेमाल से इरिटेशन कम होती है। यह त्वचा के लिए जेंटल होते हैं।
अगर आपके चेहरे पर पिंपल्स सर्फेस के अंदर हैं, तो इसके उपयोग से फायदा नहीं होगा। यह सर्फेस पिंपल्स के लिए ज्यादा इफेक्टिव है।
इसमें फ्लूइड को अब्जॉर्ब करने के लिए हाइड्रोकोलॉइड है, जिससे सूजन नहीं होती है।
पिंपल पैचेस प्रोटेक्टिव बैरियर और शील्ड प्रदान करते हैं , जिससे पिंपल पर गंदगी और बैक्टीरिया नहीं पनपते हैं। (हेल्दी स्किन के लिए टिप्स)
मुंहासे की समस्या को कम कैसे करें
क्या आप जानती हैं कि पिंपल्स का कारण त्वचा पर सीबम का अत्यधिक उत्पादन है। सीबम के कारण पोर्स क्लॉग हो जाते हैं।
पिंपल्स की समस्या को कम करने के लिए आपको ऐसे क्लींजर का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें सैलिसिलिक एसिड और बेंजोयल पेरोक्साइड पाया जाता हो।
ये क्लींजर त्वचा को एक्सफोलिएट करने में मदद करते हैं। साथ ही, पोर्स को अनक्लॉग भी करते हैं।
नॉन कॉमेडोजेनिक मॉइश्चराइजर पोर्स को ब्लॉक किए बगैर त्वचा को मॉइश्चर करने का काम करते हैं।
स्पॉट ट्रीटमेंट या पिंपल पैचेस, क्या करें इस्तेमाल
अलग-अलग प्रकार के एक्ने को ट्रीट करके के लिए स्पॉट ट्रीटमेंट लाभकारी है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इसके उपयोग से त्वचा पर इरीटेशन ज्यादा होती है। एक्टिव और सर्फेस पिंपल के लिए पिंपल पैचेस का इस्तेमाल करें। यह पिंपल को बढ़ने से रोकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
आपको जेंटल एक्सफोलिएशन करना चाहिए। एक्सफोलिएशन आपकी स्किन को हेल्दी रखने का काम करता है। साथ ही, एक्सफोलिशन से आपकी त्वचा पर पिंपल भी नहीं होंगे।
पिंपल्स को बढ़ने से रोकने के लिए सही स्किन केयर रूटीन फॉलो करें।
अपनी डाइट का भी खास ध्यान रखें। अपनी डाइट में एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीजों को शामिल करें।
त्वचा को हाइड्रेट करना जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। त्वचा पर हाइड्रेटिंग क्रीम लगाएं।