एक्सप्रेसवे के निर्माण से उड़ रही धूल परेशानी का सबब बनी

गुडगाँव: डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे (दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे) निर्माण ने बाईपास रोड किनारे रह रहे दो लाख से अधिक लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. उन्हें एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य के दौरान उड़ रही धूल से रोजाना दो-चार होना पड़ रहा. दुर्गा बिल्डर से बल्लभगढ़ तक बाईपास किनारे रह रहे लोगों को रोजाना उड़ती धूल से लोग परेशान हैं. लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्य कर रहे एजेंसी की लापरवाही से उनमें सांस संबंधित बीमारी बढ़ने की आशंका है.
बाईपास रोड को शहर का प्रमुख मार्ग माना जाता है. इस मार्ग के दोनों ओर रिहायसी क्षेत्र है. साथ ही डीएलएफ और आईएमटी औद्योगिक क्षेत्र है. स्थानीय लोगों की मानें तो रिहायसी क्षेत्रों की दो लाख से अधिक आबादी है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य के चलते सेक्टर-37,30,31, सराय ख्वाजा, सेक्टर-29,, बड़खल, पल्ला,सेहतपुर, शिव कॉलोनी, सरस्वती कॉलोनी, धीरज नगर, एतमादपुर, बडौली, सेक्टर-सात,आठ,नौ,तीन, बल्लभगढ़, आईएमटी आदि क्षेत्रों के लोगों को रोजाना धूल और हाईवे पर डाले जा रहे राख का सामना करना करना पड़ रहा है. उनके घरों के छत पर धूल जमी रहती है. इससे क्षेत्र की वायु गुणवत्ता काफी खराब रहती है. धूल उड़ने के कारण हर उम्र के लोगों में सांस संबंधी बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी डेली बुलेटिन के अनुसार फरीदाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मध्यम स्तर के साथ 140 और बल्लभगढ़ में एक्यूआई 106 रहा.
रोजाना 100 से अधिक डंपर का होता है आवागमन स्थानीय लोगों के अनुसार एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य के चलते बाईपास पर डंपरों के आवागमन बढ़ गया है. डंपर पर मिट्टी, राख और अन्य सड़क निर्माण सामग्री लदे रहते हैं. उन्हें ढका भी नहीं जाता है. ऐसे में उसके आवागमन के दौरान उड़ती धूल से सड़क पर आवागमन करने

50 हजार से अधिक चलते हैं वाहन एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य के बावजूद बाईपास रोड पर मौजूदा समय में 50 हजार से ज्यादा वाहनों का आवागमन हो रहा है. नहर पार समेत फरीदाबाद के लोग दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेनो, गाजियाबाद आदि शहरों में जाने को इस मार्ग का प्रयोग कर रहे.