कृषि उपजमंडी में टैक्स की जा रही है चोरी

छतरपुर। छतरपुर कृषि उपजमंडी में व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडी में आने वाली मूंगफली की फसल को अनुबंध न करके सीधे व्यापारियों को किसान के माध्यम से बेचा जा रहा है। जिससे लाखों रुपए की टैक्स की चोरी हो रही है। यह सारा खेल मंडी सचिव संतोष नागर के मार्गदर्शन में चल रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसानों को मंडी में अपनी फसल ले जाना पड़ता था जहां पर मंडी के द्वारा किसान और व्यापारी के बीच में एक अनुबंध पत्र काटा जाता है जिसकी तीन कॉपियां होती है एक किसान को दी जाती है एक व्यापारी को एक और मंडी में रहती है। मंडी व्यापारी से इसके एवज में एक प्रतिशत का टैक्स वसूल करती है। परंतु मंडी सचिव और उनके अन्य अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत से किसानों की फसल सीधे व्यापारियों को निकासी कराई जा रही है।

और मंडी की लाखों रुपए की चोरी धड़ल्ले से चल रही है। चुनाव का माहौल एवं आचार संहिता का हवाला देकर मंडी के कर्मचारी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं और सीधे मूंगफली के प्लांटों पर फसल बेची जा रही है। जिससे मंडी को मिलने वाला लाखों रुपए का टैक्स अधिकारी और कर्मचारियों के बीच में बंदरबांट किया जा हा है इस संबंध में सचिव से दूरभाष पर चर्चा की तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया और अन्य कर्मचारियों के द्वारा गोलमोल जबाव देकर मीडिया से भागते नजर आए। कुल मिलाकर मंडी में इस समय टैक्स की भारी चोरी की जा रही है। छतरपुर एसडीएम के चुनाव में व्यस्त होने के कारण भी मंडी के कर्मचारी भरपूर लाभ उठा रहे हैं।
सटई रोड पर कृषि उपज मंडी के आसपास सैकड़ों गाड़ी मूंगफली के बोरों से लदी देखी जा सकती है परंतु मंडी में बिना अनुबंध में सीधे छतरपुर जिले के मूंगफली प्लांटों पर भेजी जा रही है। प्रतिदिन शाम की शाम इसका हिसाब व्यापारियों से वसूल कर लिया जा रहा है। मंडी के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह खेल अभी दो महीना तक और चलेगा। इससे शासन को लाखों रुपए की क्षति हो रही है। ऊपर से लेकर नीचे तक इसका हिस्सा भेजा जाता है।