नहीं बिकेगी भारत की यह कंपन, सस्ती दवाइयों पर नहीं लगेगी रोक

देश की सबसे बड़ी जेनेरिक दवा कंपनी में से एक सिप्ला नहीं बिकने वाली है। टोरेंट के साथ चल रही डीलर को रोक दिया गया है। मीडिया सिद्धांत के अनुसार, दोनों कंपनियों के बीच वैल्यूएशन को लेकर यह रुकी हुई है। टोरेंट फॉर्मा हामिद परिवार की शहीदी हासिल करने की कोशिश की जा रही थी। हामिद परिवार उस वैल्यूएशन से अधिक की मांग कर रहा था जिस पर टोरेंट सुपरमार्केट चाहता था। अब उम्मीद है कि आने वाले दिनों में देश में 300 जेनेरिक तीर्थ यात्राएं होंगी। पहले उम्मीद की जा रही थी कि अगर यह डिलर हुई तो देश में सामान बिखरा हो गया था।

हम फिर से क्या बातचीत शुरू कर सकते हैं?
हामिद परिवार की तीसरी पीढ़ी के टॉरेंट ड्रग के अलैहिंस और समीर मेहता परिवार के साथ चर्चा कर रही थी। ईटी ने आपसी सहमति से लिखा है कि आपसी सहमति के बाद बातचीत पर रोक लगा दी गई है। लेकिन अगर पात्र हो तो यह बातचीत शुरू हो सकती है। जानकारी के अनुसार, बोर्ड स्टाइक के बीच वैल्यूएशन में 15 से 20 प्रतिशत का अंतर देखा गया है। ये अंतर इसलिए पैदा हुआ क्योंकि जब से हामिद परिवार द्वारा सप्लाई की खबर सामने आई, कंपनी के स्टॉक में तेजी से देखने को मिल रही है। ईटी ने अपनी रिपोर्ट में विशेषज्ञ के सलाहकार से कहा है कि अगर कंपनी के शेयर 900 रुपये से 1000 रुपये के बीच हैं तो बोर्ड के बीच वैल्यूएशन पर बात बन सकती है।
कई इकाइयों ने कदम पीछे खींच लिए
हालाँकि, तकनीकी रूप से सिप्ला अन्य खिलाड़ियों के साथ बातचीत करने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन कहा जा रहा है कि बातचीत के लिए टोरेंट ही एकमात्र खिलाड़ी बचा है। सिप्ला के स्टॉक में उछाल के कारण कंपनी का मूल्यांकन बढ़ गया, जिसके कारण बैरिंग पीई एशिया-ईक्यूटी, अबू धाबी जांच एजेंसी और ब्लैकस्टोन को उद्योगों के पीछे धकेल दिया गया। निवेश निगम के अधिकारियों ने कहा कि अगर शेयर की कीमत गिरती है तो वे फिर से मैदान में कूद सकते हैं।
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