108 करोड़ के घोटाले की जांच के लिए समिति गठित हुई

वाराणसी: आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम) के तहत 108 करोड़ रुपये के कामों में भारी गड़बड़ी की जांच के लिए समिति गठित की गई है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी शंभु कुमार के आदेश पर गठित समिति का अध्यक्ष मुख्य अभियंता (क्वालिटी सेल) सर्वेश खरे को बनाया गया है. लेखाधिकारी सुरेश चंद्रा सदस्य हैं. जांच आख्या सौंपने की समय सीमा तय नहीं है.
आईपीडीएस के तहत भूमिगत केबल बिछाने के लिए मसर्स टाटा पावर प्रोजेक्ट के साथ करीब 108 करोड़ का अनुबंध हुआ था. कैंट, लहुराबीर, भोजूबीर, कचहरी चौराहा, सामनेघाट, बड़ी गैबी आदि इलाके में काम हुए थे.
इसमें गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर महालेखा नियंत्रक (लखनऊ) को जांच सौंपी गई थी. जांच में सीनियर ऑडिटर निखिल जायसवाल की रिपोर्ट में लाइनों की लंबाई एवं वास्तविक कार्यों में काफी अंतर पाया गया था.
एमडी को जेई सही जवाब नहीं दे सके

एमडी सुबह लगभग दस बजे कज्जाकपुरा डिवीजन पहुंचे. सबसे पहले उन्होंने रजिस्टर तलब किया. किसी अभियंता ने उपलब्ध नहीं कराया. जेई शिवेंद्र यादव से उन्होंने ट्रांसफार्मर समेत कई बिंदुओं पर सवाल पूछे. का भी जवाब न मिलने पर एमडी भड़क गए. जेई के साथ अधिशासी अभियंता को भी आड़े हाथों लिया.
कज्जाकपुरा के बाद वह जैतपुरा तिराहा पहुंचे. यहां विजिलेंस के अधिकारी पहले से मौजदू थे. चोरी से संबंधित कई मामलों की जांच की.