सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा, जानिए सूर्य से जुड़ी 10 खास बातें

सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा है। इस पर्व में सूर्य देव की बहन छठ माता की पूजा खासतौर पर की जाती है। सूर्य को ग्रंथों में प्रत्यक्ष देवता यानी ऐसा भगवान माना है, जिसे हम देख सकते हैं। सूर्य ऊर्जा का स्रोत है और इसकी किरणों से विटामिन डी जैसे तत्व शरीर को मिलते हैं। सूर्य मौसम चक्र चलाने वाला ग्रह है। ज्योतिष के नजरिए से सूर्य आत्मा का ग्रह है। सूर्य पूजा से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, सूर्य पंचदेवों में से एक हैं। किसी भी शुभ काम की शुरुआत में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, दुर्गा और सूर्य की पूजा की जाती है। शादी करते समय भी सूर्य की स्थिति खासतौर पर देखी जाती है। भविष्य पुराण के ब्राह्म पर्व में श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र सांब को सूर्य पूजा के बारे में बताया है।
सूर्य अर्घ्य देते समय करें गायत्री मंत्र का जप
सूर्य को रोज सुबह जल चढ़ाएं। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें और ऊँ सूर्याय नम: मंत्र जपते हुए अर्घ्य अर्पित करें। सूर्य पूजा के बाद ध्यान करना चाहिए। सूर्य पूजा में गायत्री मंत्र का भी जप करना चाहिए। गायत्री मंत्र- ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।
ये है गायत्री मंत्र का अर्थ – सृष्टि की रचना करने वाले प्रकाशमान परमात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का यह तेज हमारी बुद्धि को सही मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
सूर्यदेव से जुड़ी 10 खास बातें
एक मात्र प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले देवता हैं सूर्य
पंचदेवों में से एक हैं सूर्य
नौ ग्रहों के राजा हैं सूर्यदेव
श्रीकृष्ण भी करते थे सूर्य पूजा
हनुमान जी के गुरु हैं सूर्यदेव
यमराज, यमुना और शनिदेव के पिता हैं सूर्यदेव
सूर्य की किरणों से मिलता है विटामिन डी
सूर्य पूजा से बढ़ता है आत्मविश्वास
सूर्य से ही पूरी सृष्टि हो रही है संचालित
सूर्यदेव को तांबे के लोटे से चढ़ाना चाहिए जल