इस्पात क्षमता 161 मीट्रिक टन के पार: इस्पात सचिव

इस्पात सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि भारत की इस्पात क्षमता 161 मिलियन टन से अधिक हो गई है और उद्योग निरंतर वृद्धि के लिए तैयार है। राष्ट्रीय इस्पात नीति के अनुसार, भारत का 2030 तक 300 मीट्रिक टन इस्पात क्षमता स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है।

सिन्हा ने कहा, “हम पहले ही 161 मिलियन टन क्षमता पार कर चुके हैं, जिसमें ब्लास्ट फर्नेस-बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (बीएफ-बीओएफ) मार्ग से 67 मीट्रिक टन, इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) द्वारा 36 मीट्रिक टन और इंडक्शन फर्नेस (आईएफ) मार्ग से 58 मीट्रिक टन शामिल है।” राष्ट्रीय राजधानी में ‘चौथे इंडियन स्टील एसोसिएशन (आईएसए) स्टील कॉन्क्लेव’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि भारत में इस्पात क्षेत्र निरंतर विकास के लिए तैयार है।
सिन्हा ने कहा, भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है और अगले 10 वर्षों में इसके 8-10 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा, विनिर्माण क्षेत्र में 7-8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) देखी गई और इससे दोनों क्षेत्रों में स्टील की मांग बढ़ रही है।
इस्पात क्षेत्र में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना अच्छी प्रगति कर रही है। उद्योग जगत ने प्रतिबद्ध 29,500 करोड़ रुपये में से लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।अधिकारी ने आगे कहा कि इस क्षेत्र को कार्बन उत्सर्जन और वैश्विक बाजार की मांगों से संबंधित महत्वपूर्ण चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।
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