कलोंजी डायबिटीज और कैंसर के मरीजो के लिए फायदेमंद

कलौंजी खाने में बहुत फायदेमंद होती है. कलौंजी का उपयोग भारतीय व्यंजनों और मसालों में किया जाता है। कलौंजी के बीज का उपयोग अधिकतर यूनानी दवाइयाँ बनाने में किया जाता है। अनगिनत बीमारियों को ठीक करने वाला कलौंजी का पौधा, कलौंजी के पौधे से थोड़ा छोटा होता है और इसमें हल्के नीले और पीले फूल होते हैं। इसके बीजों को हम कलौंजी कहते हैं, ये काले रंग के होते हैं। कलौंजी लगभग हर घर में मौजूद चीज़ है। इसमें मौजूद गुणों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इससे बहुत तेजी से बीमारियों से राहत मिलती है।
कलौंजी के बीज मधुमेह से सुरक्षा प्रदान करते हैं। साथ ही यह कील-मुंहासों की समस्या से भी राहत दिलाता है। कलौंजी का उपयोग मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा कलौंजी अस्थमा और जोड़ों के दर्द में भी फायदेमंद है।
इसके अलावा यह खून में मौजूद विषैले पदार्थों को साफ करने का काम करता है। इसका इस्तेमाल सुबह खाली पेट करना ज्यादा फायदेमंद होता है। हालाँकि, गर्भावस्था के दौरान कलौंजी के सेवन से बचना चाहिए, अन्यथा गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।

कलौंजी में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जो कैंसर जैसी बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होते हैं। खांसी होने पर कलौंजी के तेल का इस्तेमाल आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा।
कुछ महीनों तक रोजाना एक कप दूध में चौथाई चम्मच कलौंजी का तेल पीने से और शरीर के रोगग्रस्त अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा ठीक हो जाता है।
कलौंजी का तेल कान में डालने से कान की सूजन से राहत मिलती है। इससे बहरेपन में भी फायदा होता है, साथ ही कलौंजी को भूनकर कपड़े में लपेटकर सूंघने से या कलौंजी का तेल और जैतून का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर नाक में डालने से सर्दी-खांसी ठीक हो जाती है।
एक कप पानी में 50 ग्राम हरा पुदीना उबालें और इस पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाएं और सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले इसका सेवन करें। इससे 21 दिन में खून की कमी दूर हो जाती है। रोगी को भोजन में खट्टी चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
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