लापता रक्षा मंत्री हुए बर्खास्त, चीन ने लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली। चीन ने तीन महीने के भीतर देश की टॉप लीडरशिप में दूसरी बार बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत, ली शांगफू को रक्षा मंत्री और राज्य पार्षद के पद से हटा दिया है। सांसदों (नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति) ने पूर्व विदेश मंत्री छिन कांग को भी राज्य पार्षद के पद से हटाने के लिए मतदान किया। यिन हेजुन को अब चीन का विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और लैन फान को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया है। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि ली शांगफू के बारे में बिना कोई सफाई दिए ही पद हटा दिया गया है। मार्च में कैबिनेट फेरबदल के दौरान रक्षा मंत्री बने शांगफू को 29 अगस्त को भाषण देने के बाद से नहीं देखा गया है।

मालूम हो कि पिछले अक्टूबर में शी जिनपिंग ने अभूतपूर्व तौर पर अपना तीसरा कार्यकाल संभाला था। इसके बाद से अचानक हटाए जाने वाले ली शांगफू दूसरे मंत्री हैं। जुलाई में छिन कांग को विदेश मंत्री के पद से हटाया गया था और उनकी जगह वांग यी को दी गई। इस बदलाव को लेकर भी चीनी शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया था। कांग और शांगफू के गायब होने से चीन की विदेश या रक्षा नीतियों में बदलाव का कोई संकेत नहीं मिलता है। हालांकि, दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी चिनफिंग के सत्ता में बने रहने पर सवाल उठाए थे।
वित्त और रक्षा मंत्री रहे नेताओं की बर्खास्तगी का जो ऐक्शन लिया गया है उससे राष्ट्रपति जिनपिंग के करीबी पावर सर्कल पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिनपिंग निष्ठा को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं। उन्होंने बीते कुछ महीनों में सार्वजनिक और निजी तौर पर भ्रष्टाचार पर हमला किया है। मगर, इस तरह के ऐक्शन कभी-कभी राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए उठाए गए हैं। साथ ही बिगड़ी अर्थव्यवस्था से ध्यान भटकाने और अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना भी मकसद हो सकता है।
इस बीच, चीन के विदेश मंत्री वांग यी अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार को वाशिंगटन पहुंचेंगे, जहां वह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। यह बातचीत चीन के साथ संवाद बनाए रखने की बाइडन प्रशासन की कोशिशों का हिस्सा है। अमेरिका और चीन के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में बेहद तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। दोनों देशों ने 2018 में एक-दूसरे के सामान पर आयात शुल्क में वृद्धि की थी, जिससे उनके बीच व्यापार विवाद गहरा गया है। वांग की वाशिंगटन यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिकी सांसदों ने चीन से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच आर्थिक और व्यापारिक मतभेदों को पाटने की मांग तेज कर दी है।