संविदाकर्मियों ने एमबीएस से कलक्ट्रेट तक निकाला कैंडल मार्च, हड़ताल जारी


कोटा। कोटा मेडिकल कॉलेज से जुड़े सरकारी अस्पतालों के 1200 से 1500 से ज्यादा ठेका श्रमिक ठेका प्रथा खत्म करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। रविवार शाम 7 बजे ठेका श्रमिकों ने एमबीएस हॉस्पिटल से कलेक्ट्रेट सर्किल स्थित भीमराव अम्बेडर सर्किल तक कैंडल मार्च निकाला। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभी ठेका श्रमिकों का वेतन भुगतान RLSDC के जरिए करने की मांग की। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ठेका श्रमिक। वेतन RLSDC से करने की मांग की। ठेका श्रमिक देवाशीष सेन ने बताया कि समान काम ,समान वेतन की हमारी मांग है। ठेका श्रमिक 5 हजार रुपए प्रतिमाह में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में ठेका प्रथा को खत्म करने की बात कही थी। RLSDC के जरिए ठेका श्रमिकों को सीधे भुगतान की बात कही थी।
अभी तक कागजों में ही गठन हुआ है, कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई। न ही ठेका श्रमिकों को कोई आश्वासन दिया। सरकारी अस्पतालों में ठेका श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। कई बार ज्ञापन देने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। 13 दिन तक अस्पतालों में 2 घंटे का कार्य बहिष्कार कर आंदोलन किया। कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन ठेका श्रमिकों को पिछले तीन दिन से सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार पर उतरना पड़ा। ठेका श्रमिकों की हड़ताल से सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था बिगड़ रही। पर्ची, दवा व जांच काउंटर पर मरीज परेशान हो रहे हैं।

कोटा। कोटा मेडिकल कॉलेज से जुड़े सरकारी अस्पतालों के 1200 से 1500 से ज्यादा ठेका श्रमिक ठेका प्रथा खत्म करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। रविवार शाम 7 बजे ठेका श्रमिकों ने एमबीएस हॉस्पिटल से कलेक्ट्रेट सर्किल स्थित भीमराव अम्बेडर सर्किल तक कैंडल मार्च निकाला। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभी ठेका श्रमिकों का वेतन भुगतान RLSDC के जरिए करने की मांग की। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ठेका श्रमिक। वेतन RLSDC से करने की मांग की। ठेका श्रमिक देवाशीष सेन ने बताया कि समान काम ,समान वेतन की हमारी मांग है। ठेका श्रमिक 5 हजार रुपए प्रतिमाह में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में ठेका प्रथा को खत्म करने की बात कही थी। RLSDC के जरिए ठेका श्रमिकों को सीधे भुगतान की बात कही थी।
अभी तक कागजों में ही गठन हुआ है, कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई। न ही ठेका श्रमिकों को कोई आश्वासन दिया। सरकारी अस्पतालों में ठेका श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। कई बार ज्ञापन देने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। 13 दिन तक अस्पतालों में 2 घंटे का कार्य बहिष्कार कर आंदोलन किया। कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन ठेका श्रमिकों को पिछले तीन दिन से सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार पर उतरना पड़ा। ठेका श्रमिकों की हड़ताल से सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था बिगड़ रही। पर्ची, दवा व जांच काउंटर पर मरीज परेशान हो रहे हैं।
