अगर आप भी समुद्र तट पर स्थित हैं तोबा से करें इसके फायदे जान लें

मौसम का मौसम शुरू ही होता है घर के बच्चे, यहां तक कि बड़े भी कई बार संस्थान से मना कर देते हैं। ठंड में लोग सुबह जल्दी नहाना नहीं चाहते। कई लोग ऐसे होते हैं जो हफ्ते में एक या दो बार नहाते हैं। आपने अक्सर सुना होगा कि रोजमर्रा के संस्थान से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। लेकिन, आज इस लेख में हम आपको कुछ अलग से बता रहे हैं जो आपने शायद सबसे पहले कहीं पढ़ा या सुना होगा। असल में, अगर आप समुद्र के मौसम में रोज नहाते हैं तो इसके भी कई फायदे होते हैं। जी हां, रोजमर्रा की जिंदगी में हमारे शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-

त्वचा आपकी साफ हो जाती है
अगर आप समुद्र के मौसम में रोजाना नहाते हैं तो आपको त्वचा संबंधी एलर्जी का शिकार हो सकता है। क्योंकि उसे सबसे अधिक समानता की आवश्यकता है। डर्मेटोकाइन डॉ. रनेला का कहना है कि लोग ब्लॉग होने की वजह से नहीं बल्कि समाज में अच्छा दिखने की वजह से या फिर समाज के दबाव की वजह से रोज नहाते हैं। उन्होंने बताया कि कई चिकित्सकों में यह बात सामने आई है कि त्वचा में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता है। रनेला ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जिम नहीं जाता है, कूड़े में नहीं रहता है तो रोजना नहीं रहना जरूरी नहीं है।
रोजमर्रा के प्रतिष्ठान से त्वचा रूखी हो जाती है
ठंड के मौसम में आमतौर पर लोग गर्म पानी से नहाते हैं। अधिकांश देर तक गर्म पानी में संस्थान से हमारी त्वचा को नुकसान हुआ है। हमारी त्वचा रूखी होने लगती है। कार्बनिक प्राकृतिक तेल शरीर से बाहर निकलते हैं। शरीर में बनने वाले ये प्राकृतिक तेल शरीर को मिश्रणयुक्त और सुरक्षित रखते हैं। अगर आप रोजाना गर्म पानी से नहाते हैं तो कोशिश करें कि 5 से 8 मिनट में नहा लें।
विनाश को नुकसान
प्रतिदिन गर्म पानी से संस्थान से स्मारक को नुकसान होता है। नाते ना समय हमारे नैक पानी सोख लेते हैं और फिर वो नमूने टूट जाते हैं। गर्म पानी से हॉस्टल का प्राकृतिक तेल निकल जाता है, जिससे वे रूखे और सूखे हो जाते हैं।
यह हमारी गाड़ी की क्षमता को भी प्रभावित करता है
अध्ययनकर्ता हैं कि अगर आप ठंड में रोजाना नहाते हैं तो इमी सिस्टम भी खराब हो जाता है। दुनिया भर के त्वचा विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि ठंड के मौसम में रोज़ाना नहाना मज़ेदार नहीं होता है।
पानी छोड़ दिया
अगर आप रोज नहाते नहीं हैं तो आप पानी की बचत कर रहे हैं। एक अध्ययन के अनुसार एक व्यक्ति के संस्थान में प्रतिदिन 55 लीटर पानी टूटता है।
घटिया को मारता है
विशेषज्ञ कहते हैं कि हमारी त्वचा अच्छे बैक्टीरिया पैदा करती है जो शरीर को स्वस्थ रखती है और रासायनिक हानिकारक पदार्थों से बचाती है। जॉर्ज यूनिवर्सिटि के नामांकित प्रोफेसर डॉ. सी ब्रैंडन मिशेल का कहना है कि रोजमर्रा की जिंदगी से त्वचा का प्राकृतिक तेल निकल जाता है। इससे हमारे शरीर के अच्छे बैक्टीरिया भी दूर हो जाते हैं और हमारा इम्युनिटी सिस्टम ख़राब होने लगता है।
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