रिश्ते रूहानी हैं…

रायपुर। राजनांदगांव जिले के जनता से रिश्ता के पाठक रोशन साहू मोखला ने एक शानदार कविता ई मेल किया हैं….

तपन में जिनसे छाँह मिले,दुनिया में बिरले होते हैं।
जिन राहों में वे गुजरें,कांटे चुन-चुन कलियाँ बोतें हैं।।
माना ये जीवन चरदिनिया, धूप छाँह का मेल यहां।
औरों के हिस्से सुखद सपन,खुद न चैन से सोते हैं।।
तन की जीत बेमन इतिहासों में,मन की जीत गीत बनीं।
गुलदान खोंसे फूलों की,सिसकियां कभी न प्रीत बनीं।
रौनक न लौटी अब तक, महल जो कल गुलजार थे।
शौर्य गान आँसू ना सुखातीं,ज्यादातर सपने धूल सनीं।।
जद्दोजहद में दिन बीते, बस रात की अजब कहानी है।
फिक्रमंद शख्सियत यहां,क्या बतानी क्या छिपानी है।।
हिसाबों की पन्नें पलटते ,कोरे पन्नें भी तुड़ मुड़ जातीं।
जीवन तभी तक जिंदा हैं,जब तलक रिश्ते रूहानी है।।