नारी शक्ति बढ़ी: महिला श्रम बल भागीदारी दर 37.0 प्रतिशत तक पहुंची

नई दिल्ली (एएनआई): एक हालिया रिपोर्ट में भारत में महिला श्रम बल भागीदारी दर (एफएलएफपीआर) में महत्वपूर्ण उछाल का खुलासा हुआ है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 9 अक्टूबर को जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23, 4.2 प्रतिशत अंकों की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है, जो 2023 में एफएलएफपीआर को 37.0 प्रतिशत तक बढ़ा देती है, महिला और बाल विकास मंत्रालय पढ़ें प्रेस विज्ञप्ति।

यह वृद्धि देश की श्रम शक्ति की गतिशीलता में एक सकारात्मक बदलाव को दर्शाती है, जिसमें अधिक महिलाएं कार्यबल में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि एफएलएफपीआर में यह पर्याप्त वृद्धि महिला सशक्तिकरण और भारत के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
भारत सरकार ने उनके दीर्घकालिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए निर्णायक कार्रवाई की है।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह व्यापक दृष्टिकोण महिलाओं के जीवन के विभिन्न चरणों को शामिल करता है, जिसमें लड़कियों की शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता सुविधा और कार्यस्थल में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण पहल शामिल हैं।
इन क्षेत्रों में सरकारी नीतियों और कानून ने ‘महिला-नेतृत्व वाले विकास’ के एजेंडे को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिक्षा, कौशल और उद्यमिता में महिलाओं के लिए अवसरों को बढ़ावा देकर और एक सुरक्षित और सहायक कामकाजी माहौल सुनिश्चित करके, सरकार ने अधिक समावेशी और लिंग-समान कार्यबल की नींव रखी है।
एफएलएफपीआर में वृद्धि न केवल श्रम बल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है, बल्कि एक व्यापक सामाजिक परिवर्तन की ओर भी इशारा करती है, जहां महिलाएं देश की प्रगति और अपने सशक्तिकरण में तेजी से योगदान दे रही हैं।
यह उपलब्धि लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जिससे एक अधिक न्यायसंगत और समृद्ध समाज के निर्माण की दिशा में प्रगति हो रही है। (एएनआई)