चर्चा में है ये FIR! बड़े अफसर खुद देख रहे मामला

प्रयागराज: हाईकोर्ट ने जिला अधिवक्ता संघ प्रयागराज की 18 सदस्यीय कार्यकारिणी के लिए गत 27 अक्तूबर को मतदान के दौरान वकीलों के बवाल को लेकर कर्नलगंज थाने में दर्ज एफआईआर की विवेचना पुलिस कमिश्नर की निगरानी में करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर विवेचना की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही चुनाव ऑब्जर्वर रहे सिटी मजिस्ट्रेट को भी घटना की वीडियोग्राफी सहित अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने अमित कुमार निगम और अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष टीपी सिंह व आरके ओझा से खंडपीठ का सहयोग करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट से निर्धारित तिथि पर एल्डर कमेटी चुनाव नहीं करा सकी तो अर्जी दी गई, जिसकी सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने 27 अक्टूबर को चुनाव की तिथि तय की और सिटी मजिस्ट्रेट को चुनाव ऑब्जर्वर नियुक्त किया। लेकिन मतदान के दौरान फर्जी वोटिंग का आरोप लगा कुछ वकीलों ने बवाल किया।
सरकारी वकील अंबरीष शुक्ल ने सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से घटना का ब्योरा पेश किया। कहा कि वकीलों के हंगामे व बवाल के कारण एल्डर कमेटी व ऑब्जर्वर शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न नहीं करा सके। याची ने भी पूरक शपथपत्र दाखिल कर बताया कि कर्नलगंज थाने में घटना की एफआईआर दर्ज की गई है। एल्डर कमेटी वकीलों के बवाल के कारण शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव नहीं करा सकी। इस पर कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर की निगरानी में मुकदमे की विवेचना करने और 20 नवंबर को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।