बैकुंठ चतुर्दशी पर एक ऐसे करें पूजन व अनुष्ठान

ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है, इस दिन जो हर हर को समर्पित होता है, उस दिन भक्त भगवान शिव और श्री हरि विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है। और भी व्रत आदि माने जाते हैं वैकुंठ चतुर्दशी के दिन व्रत पूजन से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।

इस बार वैकुंठ चतुर्दशी का व्रत कल यानि 26 नवंबर दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और शिव की विशेष पूजा का विधान है आज हम आपको अपने इस लेख में पूजा-अर्चना की पूरी प्रक्रिया से रूबरू करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
वैकुंठ चतुर्दशी के दिन इस विधि से करें पूजन-
कल वैकुंठ चतुर्दशी के दिन प्रात:काल पवित्र स्नान आदि करें, इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर मन में भगवान का ध्यान करें, इसके बाद पूजन स्थल पर प्रभु की प्रतिमा के अनुरूप व्रत पूजन का संकल्प करें। इस दिन बुरे विचार को मन में न आएं। इसके बाद रात में भगवान विष्णु के कमल के फूलों से पूजा करें तो वही शिव शंकर को बिल्व पत्र दें, साथ ही विना यो हरिपूजां तु कुर्याद् रुद्रस्य चार्चनम्। वृथा तस्य भवेत्पूजा सत्यमेतद्वचो मम।। इस मंत्र का जाप भी करते रहें।
अब भगवान की प्रतिमा के साथ शुद्ध घी का दीपक जलाएं और दोनों देवताओं की स्वीकृत पूजा में शामिल हों प्रभु को कुमकुम का तिलक करें, पुष्प माला बनाएं, निर्विघ्न वस्त्र के रूप में आप मौली चढ़ाएं। इसके बाद भगवान की पूजा करें फिर अंत में आरती करें और भूल-चूक के लिए क्षमा मांगते हुए अपने मन से प्रभु से कहें। फिर अगली सुबह टैटू स्नान आदि करें और भगवान के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करें। इसके बाद गरीब और पवित्र लोगों को अन्न, धन और वस्त्रों का दान करें।
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