पीडब्ल्यूडी इंजीनियर गिरफ्तार, EOW की कार्रवाई से विभाग में हड़कंप

वाराणसी: गाजीपुर में तालाब, पोखरा, मंदिर सहित कुछ अन्य स्थानों के सौन्दर्यीकरण के काम में करीब सात करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया है। इस मामले के आरोपियों में से एक जेई गोपाल सिंह कुशवाहा को आर्थक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने कानपुर से गिरफ्तार कर लिया है। ईओडब्ल्यू की वाराणसी यूनिट ने यह कार्रवाई की है।

बाद में जारी एक प्रेस नोट में बताया गया कि आरोपी जेई वर्तमान में पीडब्लूडी में तैनात हैं। गबन के समय पर वह प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड में उप अभियंता के पद पर कार्यरत थे। उनकी गिरफ्तारी गाजीपुर के गहमर थाने में धारा 409, 477ए, 120 बी, 13 (2) के तहत दर्ज मामले में की गई है। जेई गोपाल सिंह कुशवाहा को भ्रष्टाचार निवारण अदालत में पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस लगातर दबिशें दे रही है।
ईओडब्ल्यू वाराणसी पुलिस अधीक्षक के पीआरओ ने बताया कि साल-2013 में गाजीपुर के ब्लाक भदौरा में स्थित परेमन शाह के तालाब, सेवराई चीर पोखरा, मां कामाख्याधाम गहमर, देवकली स्थल, कीनाराम स्थल, देवल के पर्यटन विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने 817.08 लाख रुपए जारी किए थे।
लेकिन पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण की योजनाओं में मानक के हिसाब से काम पूरा न कराते हुए सिर्फ 117.60 लाख रुपए का काम कराकर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम यूनिट वाराणसी के अधिकारियों, कर्मचारियों और सम्बन्धित उप ठेकदार/ फर्म ने 699.49 लाख रुपए के शासकीय धन का दुरुपयोग और गबन करके राजकीय कोष को क्षति पहुंचाई। इस मामले में 2017 में केस दर्ज कराया गया था।
2018 में शासन ने मामला ईओडब्ल्यू को सौंप दिया। ईओडब्ल्यू ने जांच के दौरान कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों सहित ठेकदारों को भी दोषी पाया है।