पिता की गैर इरादतन हत्या मामले में बेटे को 10 साल की सजा

लखनऊ। अपर सत्र न्यायाधीश गौरव कुमार ने पिता की गैर इरादतन हत्या करने के मामले में अभियुक्त पुत्र अनिल कुमार द्विवेदी को दोषी करार दिया है। सजा के बिंदु पर सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने अभियुक्त को दस वर्ष की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्त पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सरकारी वकील अशोक त्रिपाठी व आशुतोष वाजपेई के मुताबिक इस मामले की एफआईआर मृतक की पत्नी कुसुम द्विवेदी ने थाना तालकटोरा में दर्ज कराई थी। पांच जुलाई, 2010 को वादिनी के पति राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी से अनिल रुपए मांग रहा था। आरोप है कि मना करने पर वह अपने पिता को लाठी, डंडा व रिवाल्वर की बट से बुरी तरीके से मारने लगा और फिर गाली देते हुए भाग गया। इलाज के दौरान अभियुक्त के पिता की मौत हो गई। अभियुक्त की ओर से सजा के प्रश्न पर कहा गया कि घटना में सबसे बाड़ई क्षति उसे ही हुई है लिहाजा सजा देने में उसके प्रति नरमी बरती जाए। हालांकि कोर्ट ने उसकी दलील को खारिज कर दिया।
