नहीं रहे गीता प्रेस के ट्रस्टी, सीएम योगी बोले- बैजनाथ अग्रवाल जी का निधन अत्यंत दुःखद

लखनऊ: देश और दुनिया में धार्मिक पुस्तकों के सबसे बड़े केंद्र गीता प्रेस के ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल का निधन हो गया है। वह 90 वर्ष के थे। शुक्रवार की रात करीब ढाई बजे गोरखपुर के हरिओम नगर स्थित आवास पर ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल ने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार बनारस में गंगा तट पर किया जाएगा। ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल के निधन की सूचना मिलते ही उनके शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। सीएम योगी आदित्नाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल वर्षों से गीता प्रेस से जुड़े थे। उनका पूरा परिवार भी इससे जुड़ा हुआ है। उनके निधन पर शोक जताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से गीता प्रेस के ट्रस्टी के रूप में बैजनाथ जी का जीवन सामाजिक जागरूकता और मानव कल्याण के लिए समर्पित रहा है। वह ईश्वर के अनन्य भक्त थे। सीएम ने कहा कि बैजनाथ जी के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। सीएम योगी ने शोकाकुल परिवारीजनों से बातकर उन्हें ढांढस बंधाया।
बता दें कि हाल ही में गीता प्रेस ने अपना शताब्दी वर्ष मनाया था। इसके समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शिरकत की थी। गीता प्रेस को साल 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए भी चुना गया था। हालांकि गीता प्रेस ट्रस्ट ने सम्मान तो स्वीकार कर लिया, लेकिन पुरस्कार के रूप में मिलने वाली एक करोड़ रुपये की राशि लेने से इंकार कर दिया। तब गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा था कि हमारी परंपरा अभी तक कोई सम्मान स्वीकार न करने की रही है। इस बार निर्णय लिया गया है कि हम सम्मान स्वीकार करेंगे लेकिन इसके साथ मिलने वाली धनराशि स्वीकार नहीं की जाएगी।
गीता प्रेस की स्थापना वर्ष 1923 में की गई थी। यह सनातन धर्म की पुस्तकों का सबसे बड़ा प्रकाशक है। स्वतंत्रता संग्राम के संघर्षों का साक्षी गीता प्रेस कोरोना काल में भी पूरी शिद्दत से धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन करता रहा। प्रेस के 100 वर्षों के सफर में श्रीमद्भगवद गीता और श्रीरामचरित मानस सहित करीब 1800 तरह की पुस्तकों की 92 करोड़ से अधिक प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रबंधक लालमणि बताते हैं कि गीता प्रेस में एक दिन में औसतन 70 हजार प्रतियों का प्रकाशन होता है। पिछले साल गीता प्रेस ने 111 करोड़ कीमत की पुस्तकों की बिक्री की है। गीता प्रेस ने श्रीमद्भगवद् गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां, श्रीरामचरितमानस की 11.73 करोड़ प्रतियां प्रकाशित की हैं। प्रेस ने अपनी वेबसाइट पर 500 से ज्यादा ई-पुस्तकें भी अपलोड की हैं।
गीता प्रेस, गोरखपुर के ट्रस्टी श्री बैजनाथ अग्रवाल जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
विगत 40 वर्षों से गीता प्रेस के ट्रस्टी के रूप में बैजनाथ जी का जीवन सामाजिक जागरूकता और मानव कल्याण के लिए समर्पित रहा है। उनके निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 28, 2023