बिहार में 14.71 प्रतिशत मैट्रिक पास तो 6.11 फीसदी आबादी स्नातक

गोपालगंज: बिहार की करीब एक चौथाई आबादी ने पाचंवी तक की शिक्षा प्राप्त की है. वहीं, 14.71 प्रतिशत लोग मैट्रिक तो 6.11 प्रतिशत स्नातक उत्तीर्ण हैं. राज्य सरकार ने प्राथमिक कक्षा से स्नातकोत्तर और इंजीनियरिंग-मेडिकल की पढ़ाई करने वालों के आंकड़े जारी किये हैं. बिहार जाति आधारित गणना 2022-23 की रिपोर्ट के तहत विधानमंडल में इन आंकड़ों को पेश किया गया. इसमें हर जाति की शैक्षणिक स्थिति की जानकारी दी गई है. यह रिपोर्ट बताती है कि राज्य में 9.19 प्रतिशत लोग इंटरमीडिएट तो 0.82 प्रतिशत स्नातकोत्तर हैं. पहली से पांचवीं तक की शिक्षा 22.67 प्रतिशत तथा से वीं तक की शिक्षा 14.33 प्रतिशत लोगों ने ली है. जातिवार बात करें तो सामान्य वर्ग में 13.41 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के 6.77, अतिपिछड़ा वर्ग के 4.27, अनुसूचित जाति के 3.05 और अनुसूचित जनजाति में 3.40 प्रतिशत लोग स्नातक हैं. इसी प्रकार सामान्य में 2.50, पिछड़ा वर्ग में 0.81, अतिपिछड़ा में 0.43, अनुसूचित जाति में 0.28, अनुसूचित जनजाति में 0.27 प्रतिशत लोग स्नातकोत्तर किये हुए हैं. इसी प्रकार सामान्य में 18.77, पिछड़ा में 16.20, अतिपिछड़ा में 13.89, अनुसूचित जाति में 11.10 और अनुसूचित जनजाति में 13.01 प्रतिशत लोग मैट्रिक पास हैं. रिपोर्ट बताती है कि शिक्षा ग्रहण करने में सामान्य वर्ग के लोग आगे हैं. वहीं, पिछड़ा वर्ग दूसरे, अतिपिछड़ा तीसरे और अनुसूजित जाति चौथे स्थान पर है. शिक्षा में इसमें स्नातक उत्तीर्ण की बात करें तो कायस्थ समाज अव्वल है तो मुसहर सबसे पीछे है. 29.38 प्रतिशत कायस्थ स्नातक हैं तो मुसहर समाज में सिर्फ 0.18 प्रतिशत ही स्नातक उत्तीर्ण हैं. बिहार में कक्षावार शिक्षा प्राप्त करने वाले

कक्षा एक से पांच 2,96,28,423 22.67
कक्षा से 1,87,34,033 14.33
कक्षा नौ व दस 1,92,29,997 14.71
कक्षा 11 व 12 1,20,12,146 09.19
डिप्लोमा आईटीआई 7,52,756 0.58
स्नातक अभियंत्रण 3,92,364 0.30
स्नातक चिकित्सा 74,175 0.06
अन्य स्नातक 79,89,528 6.11
स्नातकोत्तर 10,76,700 0.82
डॉक्टरेट/सीए 95,398 0.07
अन्य 4,07,25,310 31.16
कोटि
सामान्य वर्ग कायस्थ आगे तो शेख सबसे पीछे
सामान्य वर्ग में जातियां शामिल हैं. चार हिन्दू के और तीन मुस्लिम की जाति. इनमें में सबसे अधिक शिक्षा कायस्थ समाज में है तो इसमें सबसे पीछे हैं शेख. मैट्रिक से लेकर स्नात्कोत्तर की शिक्षा में यही स्थिति है. कायस्थ समाज के 29.48, भूमिहार के 17.70, ब्राह्मण के 16.95, राजपूत के 15.41, सैयद के 13.63, पठान के 6.08 और शेख 3.90 प्रतिशत लोग स्नातक किये हुए हैं. इस प्रकार कायस्थ के 7.08, भूमिहार के 3.41, ब्राह्मण के 3.30, राजपूत के 2.37, सैयद के 3.75, पठान के 0.86 और शेख 0.71 प्रतिशत लोग स्नात्कोत्तर किये हुए हैं.
स्नातक चिकित्सा
स्नातक इंजीनियर
स्नातक
इंटरमीडिएट
स्नातकोत्तर
मैट्रिक
सामान्य वर्ग 18.77 13.99 13.41 2.50 0.96 0.16
पिछड़ा वर्ग 16.20 10.69 06.77 0.81 0.31 0.06
अतिपिछड़ा 13.89 07.95 04.27 0.43 0.14 0.03
अनुसूचित जाति 11.10 05.76 03.05 0.28 0.07 0.02
अनुसूचित जनजाति 13.01 07.48 03.40 0.27 0.11 0.02
3.92 लाख इंजीनियरिंग तो 74 हजार चिकित्सा से स्नातक
बिहार के तीन लाख 92 हजार 364 को इंजीनियरिंग में और 74 हजार 175 लोग चिकित्सा में स्नातक हैं. सामान्य वर्ग के 1,93,834, पिछड़ा वर्ग के 1,09,497 अतिपिछड़ा के 66,390, अनुसूचित जाति में 18,500 और अनुसूचित जनजाति के 2487 लोग इंजीनियरिंग में स्नातक हैं. वहीं, सामान्य वर्ग के 32,293, पिछड़ा में 22,266 अतिपिछड़ा में 14,906 अनुसूचित जाति में 3870 और अनुसूचित जनजाति में 530 लोग स्नातक चिकित्सा हैं. डॉक्टरेट/सीए की डिग्री प्राप्त करने वाले राज्य में 95 हजार 398 हैं. इनमें सामान्य 50,377, पिछड़ा 25,284 अतिपिछड़ा 14,143 अनुसूचित जाति 4353 और अनुसूचित जाति के 505 लोग हैं.
अनुसूचित जाति में रजक की शिक्षा सबसे अधिक
अनुसूचित जाति में 22 जातियां हैं. इनमें 14 जातियों की संख्या 50 हजार से 70 लाख के बीच है. इनमें सबसे अधिक शिक्षा ग्रहण करने वालों में धोबी (रजक) हैं. रजक जाति के 15.86 मैट्रिक, 10.94 इंटरमीडिएट, 7.54 स्नातक और 0.88 प्रतिशत लोग स्नात्कोत्तर हैं. रजक के बाद इस वर्ग में सबसे पढ़ा-लिखी जाति क्रमश पासी, पासवान और रविदास हैं. अनुसूचित जाति में रजक आबादी में वें स्थान पर है, पर शिक्षा ग्रहण करने में यह एक नंबर पर है.
अतिपिछड़ा में दांगी, चौरसिया और तेली समाज सर्वाधिक पढ़ा-लिखा
अतिपिछड़ा वर्ग में 112 जातियां हैं. इनमें 29 जातियों की आबादी तीन लाख से लेकर 36.77 लाख है. इन 29 जातियों में सबसे अधिक पढ़ा-लिखा दांगी, चौरसिया और तेली समाज है. इन तीन जातियों के बाद अतिपिछड़ा में जो समाज शिक्षा ग्रहण करने में अधिक आगे हैं, उनमें हलुवाई, नाई, चंद्रवंशी, प्रजापति, बढ़ई, लोहार-कर्मकार, धानुक और कानू जाति शामिल है.