लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर पकड़ाए, सोशल मीडिया की मदद से चल रहा अपराध का साम्राज्य

- उनके कब्जे से 32 बोर का एक तमंचा और कुछ कारतूस बरामद किए गए हैं. पुलिस दोनों को कोर्ट में पेश करके रिमांड में लेने की तैयारी कर रही है.
नई दिल्ली: ताजा मामला बिश्नोई गैंग के दो शूटर्स से जुड़ा है, जिन्हें हरियाणा एसटीएफ ने करनाल के घरौंडा से गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान दीपक उर्फ दीप्पी और अमन के रूप में की गई है. इन दोनों ने 9 नवंबर को कुरुक्षेत्र के सेक्टर 3 में रहने वाले एक इमिग्रेशन एजेंट सतेन्द्र पाल पर गोलियां चलाई थी. उनके कब्जे से 32 बोर का एक तमंचा और कुछ कारतूस बरामद किए गए हैं. पुलिस दोनों को कोर्ट में पेश करके रिमांड में लेने की तैयारी कर रही है.

जानकारी के मुताबिक, करीब दो महीने पहले कुरूक्षेत्र के सेक्टर 3 के रहने वाले इमिग्रेशन एजेंट सतेंद्र पाल के पास अमेरिका से कॉल आई थी. कॉलर ने अपना नाम अनमोल बिश्नोई बताया था. उसका कहना था कि वो लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई है. उसने सतेंद्र से 2 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी. पैसे नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी. सतेंद्र ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद उसे सुरक्षा मुहैया करा दी गई. इसके बावजूद इमिग्रेशन एजेंट को लगातार कॉल और वाइस नोट के जरिए धमकी आती रही. इसी बीच दो लड़के उसके घर पर एक लेटर फेंक कर चले गए, जिसमें लिखा था कि पैसे देने का आखिरी मौका है.
9 नवंबर की बात है. सतेंद्र पाल अपने घर पर मौजूद थे. इसी दौरान दो लड़के आए और उनके घर पर फायरिंग करने लगे. इस हमले में वो बाल-बाल बच गए. पुलिस शिकायत के बाद इस मामले की जांच एसटीएफ को दी गई. एसटीएफ की टीम सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो दोनों शूटर्स की तस्वीर निकल गई. उसके आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों करनाल के कालराम गांव के रहने वाले हैं. शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि दोनों लड़के सोशल मीडिया के जरिए अनमोल बिश्नोई के संपर्क में आए थे. उसने पांच लाख रुपए देने का लालच दिया था. इसके बदले उन्हें इमिग्रेशन एजेंट पर फायरिंग करने के लिए कहा गया था.