एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का Deepfake वीडियो देख डरे लोग, केंद्र सरकार ने उठाया कदम

नई दिल्ली: एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का बताया जा रहा एक फर्जी डीपफेक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो ने दुष्प्रचार फैलाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर चिंता पैदा कर दी है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को नियमों की याद दिलाते हुए रिमाइंडर भेजा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए एक सलाह जारी की है, जिसमें ऐसे डीपफेक को कवर करने वाले कानूनी प्रावधानों और उनके निर्माण और प्रसार पर लगने वाले दंड के बारे में बताया गया है।

दरअसल ब्रिटिश-भारतीय सोशल मीडिया हस्ती जारा पटेल के असली वीडियो के साथ रश्मिका मंदाना का ‘डीपफेक वीडियो’ क्लिप सोशल मीडिया पर घूम रहा है। वीडियो सामने आने के बाद भारत में ‘डीपफेक’ से निपटने के लिए एक कानूनी और नियामक ढांचे की तत्काल आवश्यकता पर बहस हो रही है। फिल्म ‘गुडबाय’ में मंदाना के सह कलाकार अमिताभ बच्चन ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग की है। बच्चन इस पर प्रतिक्रिया देने वाले पहले व्यक्ति थे।
अब केंद्र सरकार भी इस पर सख्त नजर आ रही है। एक न्यूज़ चैनल ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी का हवाला दिया है। यह धारा ‘कंप्यूटर संसाधन का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी के लिए सजा’ से संबंधित है। यह धारा कहती है, “जो कोई भी किसी संचार उपकरण या कंप्यूटर संसाधन के माध्यम से नकल करके धोखाधड़ी करेगा, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो एक लाख रुपये तक बढ़ सकता है।”
सरकार की यह एडवाइजरी रश्मिका मंदाना के वायरल वीडियो के तुरंत बाद आई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करके इस महिला (जारा पटेल) के चेहरे में छेड़छाड़ कर इसे इस तरह बना दिया गया कि वह मंदाना की तरह दिखे। ‘डीपफेक’ एक डिजिटल विधि है जिसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके यूजर किसी व्यक्ति की छवि को किसी दूसरे व्यक्ति की छवि से आसानी से बदल सकता है।