सेमिनार इंटीग्रेटेड चेक-पोस्ट से भारत, पाक व्यापार की बहाली पर केंद्रित

शनिवार को यहां साईं मियां मीर इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक सेमिनार में केंद्र सरकार से अटारी में इंटीग्रेटेड चेक-पोस्ट (आईसीपी) से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार फिर से शुरू करने की जोरदार अपील की गई।

सेमिनार में वक्ताओं ने केंद्र से यह भी कहा कि या तो परेड रोक दी जाए या इससे पैदा होने वाली नफरत को खत्म करने के लिए तनाव कम किया जाए। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने प्रस्ताव रखा कि भगवंत मान सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर यह प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि भारत-पाकिस्तान सीमा खोली जानी चाहिए क्योंकि बंद व्यापार से पंजाब की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यही प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को संदिग्ध ट्रैवल एजेंटों को दंडित करने के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए।
प्रोफेसर सुरिंदर मंड ने अपने संबोधन में कहा कि परेड के दौरान दोनों देशों के वर्दीधारी सीमा रक्षक आंखों में गुस्सा लिए अपने पैर पटकते हैं। इससे दर्शकों के मन में नफरत पैदा हुई और लोग मन में प्रतिशोध लेकर लौटे। उन्होंने कहा कि परेड अच्छे एवं सुखद माहौल में होनी चाहिए ताकि दोनों तरफ से सभी दर्शक सकारात्मक सोच लेकर लौटें।
अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर बावा सिंह ने अपील की कि जीरो लाइन पर परेड ग्राउंड की जगह पार्क बनाए जाने चाहिए, जहां दोनों देशों के लोग बातचीत कर सकें।
एक अन्य वक्ता गुरदर्शन सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय दलों ने अटारी से पाकिस्तान के साथ व्यापार बहाली का मुद्दा कभी क्यों नहीं उठाया।
प्रोफेसर कुलदीप सिंह ने कहा कि लोगों को आगामी चुनावों में द्विपक्षीय व्यापार बहाली का एजेंडा उठाना चाहिए। फाउंडेशन अध्यक्ष हरभजन सिंह बराड़ ने वक्ताओं का धन्यवाद किया।