भारत-कनाडा के बीच बिगड़ते संबंध, देश के विदेश मंत्री ने कह दी यह बात

नई दिल्ली: कनाडा के 41 राजनयिकों के भारत से वापस जाने का मामला इन दिनों गरमाया हुआ है। एक तरफ जहां ब्रिटेन और अमेरिका ने भी इस पर चिंता जताई तो दूसरी ओर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया है कि यह कदम कितना जरूरी था। उन्होंने रविवार को कहा, ‘हमें कनाडा की राजनीति में कुछ नीतियों से समस्या है। लोगों को यह समझने की जरूरत है कि वीजा को लेकर लोगों को समस्या हो रही है क्योंकि हमारे राजनयिक कनाडा में काम करने में सुरक्षित नहीं हैं।’ जयशंकर ने कहा कि इस समय भारत-कनाडा संबंध कठिन समय से गुजर रहा है। मुझे उम्मीद है कि स्थिति जल्द बेहतर होगी।

#WATCH | On Canadian diplomatic presence in India, EAM Dr S Jaishankar says, “There’s this whole issue of parity that the size of how many diplomats there are of one country versus how many diplomats there are of the other country. Parity is very much provided for by the Vienna… pic.twitter.com/xJmk80GHHS
— ANI (@ANI) October 22, 2023
विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि हमारी समस्या कनाडा की राजनीति के कुछ हिस्सों से है। उन्होंने कहा, ‘अगर हम कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति देखते हैं, तो हम वहां वीजा जारी करना फिर से शुरू करना चाहेंगे। कनाडाई राजनयिकों की ओर से हमारे मामलों में लगातार हस्तक्षेप हुआ। इसे देखते हुए ही हमने समानता की बात कही। भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों की देश से वापसी को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में पेश करने की कनाडा की कोशिशों को खारिज कर दिया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो-तरफा राजनयिक समानता सुनिश्चित करना राजनयिक संबंधों से जुड़ी वियना संधि के प्रावधानों के तहत ही है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम समानता लागू करने को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में पेश करने के किसी भी प्रयास को खारिज करते हैं। हमारे द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, भारत में कनाडाई राजनयिकों की बहुत अधिक संख्या और हमारे आंतरिक मामलों में उनका निरंतर हस्तक्षेप नई दिल्ली और ओटावा में पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में समानता को वांछित बनाता है।’
दरअसल, इस साल जून में खालिस्तानी अलगाववादी और भारत में वांटेड हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसमें भारतीय एजेंट की संलिप्तता का आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव पैदा गया। भारत ने कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। ट्रूडो ने बीते शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार, भारत और कनाडा में लाखों लोगों के लिए जीवन को सामान्य रूप से जारी रखने को कठिन बना रही है। इससे पहले, कनाडा के अधिकारियों ने भारत में अपने राजनयिक मिशन में कर्मचारियों की कमी के कारण वीजा को मंजूरी की प्रक्रिया में देरी को लेकर आगाह किया था।
ब्रिटेन ने कहा कि वह भारत सरकार के उन फैसलों के प्रति असहमति व्यक्त करता है, जिन्हें वह सिख अलगाववादी की हत्या को लेकर दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध के मद्देनजर राजनयिकों की वापसी की वजह मानता है। इसे लेकर जारी बयान में कहा गया कि इस कदम से राजनयिक संबंधों को लेकर वियना संधि को लागू करने पर असर पड़ा है। वहीं, अमेरिका ने गतिरोध पर कनाडा का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वह भारत से कनाडाई राजनयिकों की वापसी से चिंतित है। उसने उम्मीद जताई कि भारत राजनयिक संबंधों पर 1961 की वियना संधि के तहत अपने दायित्वों का पालन करेगा। अमेरिकी विदेश विभाग ने इस बात पर जोर दिया कि मतभेदों को सुलझाने के लिए जमीनी स्तर पर राजनयिकों की जरूरत होती है।
#WATCH | On Visa services in Canada, EAM Dr S Jaishankar says, “The relationship right now is going through a difficult phase. But I do want to say the problems we have are with a certain segment of Canadian politics and the policies which flow from that. Right now the big… pic.twitter.com/GfF7um38Ls
— ANI (@ANI) October 22, 2023