शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया, चंद्रमा की रोशनी में खीर रखना कितना शुभ जानिए

हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी अश्विन मास चल रहा है और इस माह का आखिरी दिन शरद पूर्णिमा होता है जिसे कोजागिरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है शरद पूर्णिमा धन की देवी माता की साधना आराधना को समर्पित दिन होता है।

इस दिन लोग देवी मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और इसकी किरणें अमृत वर्षा करती है इसलिए रात को लोग खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे चांद की रोशनी में रखते हैं।
फिर शरद पूर्णिमा की पूजा में खीर का भोग लगाने के बाद अगले दिन इसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है। जिससे अच्छी सेहत और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है इस साल की शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर दिन शनिवार को लग रही है और इसी दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगेगा। ऐसे में अधिकतर लोगों में दुविधा की स्थिति बनी हुई है कि कल रात चंद्रमा की रौशनी में खीर रखने से कहीं वह ग्रहण के कारण दूषित ना हो जाए। ऐसे में अगर आप भी इस दुविधा से घिरे हुए है तो आज हम आपको बता रहे हैं कि कल आप खीर को खुले आसमान में रख सकते हैं या नहीं।
यहां दूर करें अपनी दुविधा—
कल शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लग रहा है जो कि भारत में भी नजर आएगा। जिसके कारण सूतक काल भी मान्य होगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने से वह दूषित हो जाएग। ऐसे में दूषित खीर को करने से सेहत को लाभ की जगह हानि हो सकती है। लिहाजा इस साल पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण के कारण खुले आसमान में खीर बनाकर ना रखें और ना ऐसी खीर का भोग देवी देवताओं को लगाएं। इस साल शरद पूर्णिमा पर खीर का भोग लगाने से बचना चाहिए वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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