लैडिंग के समय वायुसेना के दो विमान धमाके के साथ गिरे, मची अफरातफरी

उत्तरप्रदेश | बख्शी का तालाब में लैडिंग के समय वायुसेना के किरण विमान (एमके-2, ट्रेनर एयरक्राफ्ट) से दो फ्यूल टैंक अलग होकर एक गांव के खाली खेत में जा गिरे. इनके गिरने से तेज आवास हुई, जिससे ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई. पुलिस की मौजूदगी में वायु सेना के जवान इन टैंक को अपने वाहन से ले गए थे. देर शाम वायुसेना ने बयान जारी कर बताया कि तकनीकी खामी से फ्यूल टैंक गिरे हैं. कोई हताहत नहीं. न ही खतरे वाली स्थिति थी.

दिन में तेज आवाज के साथ बीकेटी के गाजीपुर गांव में फ्यूल टैंक गिरने की सूचना कुछ ही देर में आसपास फैल गई. यहां से कुछ दूरी पर एयरबेस है. इससे ग्रामीण समझ गए कि यह विमान का टैंक है. डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी ने बताया कि दोपहर करीब दो बजे कन्ट्रोल रूम से इसकी सूचना मिली थी. बीकेटी थाने की फोर्स पहुंची और एयरबेस से बात की तो फ्यूल टैंक गिरने की पुष्टि हुई. कुछ देर में बेस स्टेशन से टीम पहुंची और दोनों फ्यूल टैंक ले गई.
अतिरिक्त फ्यूल टैंक पायलट खुद गिरा देते हैं
एक पूर्व वायुसेना अधिकारी के अनुसार गिराए जाने वाले फ्यूल टैंक अतिरिक्त होते हैं. विमान के उड़ान भरने के दौरान सबसे पहले इनका ईंधन ही खर्च होता है. इसके बाद यदि युद्धक विमान को अचानक तेज गति पकड़नी हो, तकनीकी खराबी आई हो तो पायलट इनको ड्रॉप कर देता है. एमके-2 विमान एचएएल में निर्मित और काफी सुरक्षित हैं. एयरशो में हमेशा आकर्षण का केन्द्र रहे हैं. 10.60 मीटर लम्बे ये छोटे विमान पलक झपकते ही 695 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पर पहुंच जाते हैं. साथ ही तेजी से 30 हजार फुट की ऊंचाई पर पहुंचने में सक्षम हैं.
प्रशिक्षण के दौरान बंजर खेत में गिरे थे फ्यूल टैंक
शाम को वायुसेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक ‘एक नियमित प्रशिक्षण मिशन के दौरान, सिस्टम में खराबी की वजह से एक किरण विमान के दो टैंक गिर गए. विमान सुरक्षित उतर गया. क्षतिग्रस्त ड्रॉप टैंकों को वायुसेना के खोजी दल ने सिविल पुलिस के साथ मिलकर बरामद किया. ड्रॉप टैंक बंजर खेत में गिरे.’
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