हाईकोर्ट के आदेश पर उद्यान घोटाला को लेकर सीबीआई ने सीबीसीआईडी से जुड़े दस्तावेज तलब किए

हरिद्वार:उद्यान विभाग घोटाले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है. हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने सीबीसीआईडी से इस प्रकरण की जांच से जुड़े दस्तावेज तलब कर लिए हैं. सीबीआई ने इस मामले में पीई (प्राथमिक जांच) दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.
अल्मोड़ा के दीपक करगेती, गोपाल उप्रेती एवं अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. उनका आरोप है कि उद्यान विभाग में करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया. फलदार पौधों की खरीद में गड़बड़ी हुई. एक ही दिन में वर्कऑर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पौधों की आमद दर्शाई गई. यही नहीं, इसका भुगतान भी कर दिया गया. जिस कंपनी से पौधों की खरीद को दिखाया गया, उसे लाइसेंस ही उसी दिन मिला था जिस दिन खरीद हुई. इन याचिकाओं के आधार पर हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे. शासन के निर्देश पर सीबीसीआईडी को यह जांच सौंप दी गई. लेकिन, याचिकाकर्ता इस जांच से संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अक्तूबर में हाईकोर्ट ने इस जांच को सीबीआई के हवाले करने के आदेश दे दिए. इस क्रम में सीबीआई ने सीबीसीआईडी से इस प्रकरण की जांच से जुड़े दस्तावेज जुटाने शुरू कर दिए हैं. सीबीआई अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है. फिलहाल इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा.

दरोगा भर्ती आरोपी से सवाल करेगी विजिलेंस
विजिलेंस ने पुलिस दरोगा भर्ती की जांच तेज कर दी है. कुमाऊं के नकल माफिया चंदन मनराल से पूछताछ की तैयारी है. इस भर्ती घपले में मनराल पर भी कई अभ्यर्थियों को दरोगा बनने में मदद करने का आरोप है. माना जा रहा कि जल्द ही कुछ और दरोगाओं पर कार्रवाई हो सकती है.
विजिलेंस ने मनराल और कुछ अन्य लोगों से पूछताछ के लिए सवाल भी तैयार कर लिए हैं. इसके अलावा कई दरोगाओं से भी पूछताछ की जानी है. नकल माफिया हाकम सिंह से भी 15-16 की भर्ती को लेकर एक बार पूछताछ हो चुकी है. जबकि, दूसरे दौर की पूछताछ के लिए विजिलेंस तैयारी कर रही है. इस प्रकरण में हाकम के साथ कुछ दरोगाओं की भर्ती से ठीक पहले की तस्वीरें भी सोशल मीडिया में वायरल हुई थीं, जिसकी जांच चल रही है. एसपी विजिलेंस मुख्यालय धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि चंदन मनराल सहित कुछ अन्य से एक-दो दिन के भीतर पूछताछ की जाएगी. विजिलेंस के सवाल तैयार हैं.
बता दें कि इस भर्ती घपले में राज्यभर से दरोगाओं को प्रारंभिक जांच में संदिग्ध पाया गया था. इसी साल जनवरी में पुलिस मुख्यालय ने इनको सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे. तब से दरोगा निलंबित चल रहे हैं. अब तक ना तो उन पर कार्रवाई हो पाई है और ना ही वे बहाल किए गए हैं. इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि या तो उनको आरोपी बनाकर मुकदमे दर्ज किए जाएं या बहाल किया जाए.