विलीनीकरण शहीद स्मृति गेट को बैनर से पाटा

इंदौर: भोपाल गेट या शहीद गेट जिसे विलीनीकरण की याद में स्थानीय शासन ने विलीनीकरण स्मृति शहीद द्वार बनाया है. यहां दोनों ओर स्वंतत्रता संग्राम सेनानियों की सूची वाले कमरे बैनर-पोस्टर के कबाड़ से भरे हुए हैं. लोग जब शहीद गेट में आते है तो उन्हे खासी निराशा होती है. आयोजन के अलावा बाकी दिनों में इसकी यही स्थिति रहती है, लोगों का कहना है कि चुनाव की आचार संहिता लगी होने के चलते निगम शहर से अवैध बैनर-पोस्टर तो उतार रहा है, लेकिन यहां भरे प्रचार के कबाड़ को नहीं हटा रहा है.
गेट का कई बार हो चुका है नामकरण

● स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बीएल दिवाकर के पुत्र राजीव दिवाकर का कहना है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए मनुआभान टेकरी पर भारत माता परिसर की योजना ठंडे बस्ते में पड़ी है. गेट में लगी सूची कबाड़ के सामानों से भरी हुई है.
● स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के अनुज ईश दयाल शर्मा बताते है कि भोपाल गेट का कई बार रिनोवेशन तो हुआ, लेकिन वहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सूची व फोटो लगने की जगह की उपेक्षा हो रही है.
चौकीदार भी नहीं देते ध्यान
सुरक्षा के लिए नगर निगम ने चौकीदार तो नियुक्त किया है,लेकिन मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया. गेट के बीच में लगी मशाल हमेशा बुझी रहती है. आयोजन के दौरान ही इसे कुछ घंटों के लिए शुरू किया जाता है. जब यहां तैनात चौकीदार को इन्हे व्यवस्थित को कहां गया तो उसने कमरे की लाइट तो जलाई लेकिन कबाड़ हटाने की जगह कहां आपको किसी का नाम देखना है तो अंदर जाकर सामान को हटाकर देख सकते हैं.