सीआईबी ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को बुलाया

 राष्ट्र के चर्चित ललिता निवास जमीन घोटाले में नीतिगत फैसला लेने वाले दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो (सीआईबी) ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। दोनों ही नेता इस समय सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हैं और पीएम प्रचण्ड के बहुत करीबी भी हैं।

नेपाल के पूर्व पीएम माधव कुमार नेपाल और डाक्टर बाबूराम भट्टराई को सीआईबी की तरफ से समन भेजे जाने की जानकारी पुलिस हेडक्वार्टर से दी गई है। सीआईबी प्रमुख किरण बज्राचार्य ने बोला कि बुधवार देर शाम पुलिस हेडक्वार्टर से इस बारे में लिखित निर्देश आने के बाद दो पूर्व पीएम सहित कुछ अन्य उच्च पदस्थ सरकारी कर्मचारियों को भी समन भेजा गया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में आदेश देते हुए बोला था कि ललिता निवास जमीन घोटाले में आदेश मानने वाले सरकारी कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने से काम नहीं चलेगा। अपने आदेश में न्यायालय ने इस भ्रष्टाचार में सरकारी तंत्र के पिरामिड की तरह एक होकर करप्शन किए जाने की टिप्पणी की थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश में बोला था कि वैसे सरकारी स्वामित्व की जमीन को निजी व्यक्तियों और संस्थानों को देने का आखिरी फैसला कैबिनेट के निर्णय से किया गया था। इसलिए इस प्रस्ताव को कैबिनेट में ले जाने वाले विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव और इस पर मुहर लगाने वाले पीएम ही सबसे बड़े गुनेहगार हैं। न्यायालय ने बोला कि जांच नीचे से नहीं बल्कि ऊपर से की जाए।

कोर्ट के इस निर्णय के बाद कैबिनेट के फैसला को भी जांच के दायरे में लाने का रास्ता खुल गया। न्यायालय के आदेश की प्रति मिलने के साथ ही गवर्नमेंट के महान्यायाधिवक्ता और पुलिस प्रमुख की बैठक में इसके कार्यान्वयन को लेकर चर्चा हुई और निर्णय देने वाले दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी बयान के लिए बुलाने की बात तय हुई।

पूर्व पीएम माधव कुमार नेपाल इस समय इंडोनेशिया में हैं और वहीं से फेसबुक लाइव के जरिए उन्होंने अपने आपको बेगुनाह होने का दावा किया है। बुधवार को दिए इस वीडियो संदेश में माधव नेपाल ने बोला कि वो ललिता निवास जमीन मुद्दे को ठीक ढंग से व्यवस्थित करने का कोशिश कर रहे थे। इसमें कहीं से कोई करप्शन उनके द्वारा नहीं किया गया है।

इसी मुद्दे में आरोपित दूसरे पीएम डाक्टर बाबूराम भट्टराई ने तो न्यायालय के निर्णय के तुरन्त बाद ही अपनी प्रतिक्रिया दे दी थी। एक ट्वीट करते हुए डाक्टर भट्टराई ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया था तथा जांच में हरसंभव सहायता के लिए तैयार होने की बात कही थी। समन जारी होने के बाद डाक्टर भट्टराई ने बोला कि वो बयान देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

सीआईबी इस जमीन घोटाले में पहले ही एक पूर्व उपप्रधानमंत्री सहित तीन मंत्रियों के विरुद्ध अरेस्ट वारंट जारी कर उनकी तलाश कर रही है।


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