रेल रोकने निकले और पुलिस की बैरिगेटिंग फांद कर स्टेशन तक भी नहीं पहुंच पाए कांग्रेसी

छग
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली कैंसिल की गई सभी ट्रेनों को बहाल करने की मांग पर कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया। रेल रोकों आंदोलन के तहत पोस्ट ऑफिस चौक से रेलवे स्टेशन की तरफ निकले कांग्रेसी पुलिस की बैरिगेटिंग को फांद कर स्टेशन तक भी नहीं पहुंचे। कांग्रेसियों ने वहीं बैठ कर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस और रेल सुरक्षा बल ने कांग्रेसियों को रोकने पहले ही तगड़ा इंतजाम किया था। कांग्रेसियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झुमाझटकी भी हुई।
स्टेशन प्रबंधक आरके बर्मन को ज्ञापन सौंप कर कांग्रेसी चलते बने। कांग्रेसी बुधवार दोपहर 3 बजे पोस्ट ऑफिस चौक से मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते पैदल स्टेशन की तरफ बढ़े। पहले बैरिगेट्स को फांदने के प्रयास में असफल हो गए पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया। कांग्रेसी भी वहीं नारेबाजी करने लगे। तभी निखिल द्विवेदी, मेहूल मारु सहित अन्य कांग्रेसियों ने पहले बैरिगेट्स को फांद कर दूसरे बैरिगेट्स को लांगने का प्रयास किया और जमीन में बैठ कर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने वापस आकर पहले बैरिगेट्स को गिरा दिया और कांग्रेसियों के लिए आने जगह बनाई। पहले बैरिगेट्स में नारेबाजी कर रहे कांग्रेसी दूसरे बैरिगेट्स तक पहुंचे जहां कैंसिल ट्रेनों की बहाली की मांग पर रेल मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शन में मेयर हेमा देशमुख, हफीज खान, श्रीकिशन खंडेलवाल, भागवत साहू, शारदा तिवारी, मेहूल मारू, निखिल द्विवेदी, अमित चंद्रवंशी, कमलजीत सिंह पिंटू, आसिफ अली, सूर्यकांत जैन, अशोक पंजवानी, पदम कोठारी, प्रज्ञा गुप्ता, दुलारी साहू, अमर झा, राजा यादव शामिल थे।
कांग्रेसियों ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते कहा रक्षाबंधन, होली, दिवाली और तीज जैसे पर्वो के दौरान ही साजिश के तहत ट्रेनों को कैंसिल करती है। रेलवे को खत्म कर निजी हाथों में बेचने की साजिश की जा रही है। बिना कारण ठोस वजह यात्री ट्रेनों को कैंसिल कर माल गाड़ियां चलाई जाती है। वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं की जाती है। यात्रियों को मजबूरी में महंगे निजी वाहनों का सहरा लेना पड़ता है। विगत तीन सालों में देशभर में 67382 ट्रेनें कैंसिल की गई। बुजुर्गों की छूट को खत्म किया गया। कांग्रेसियों ने कहा कि किराए और प्लेटफार्म टिकिट में वृद्धि की गई है। दैनिक यात्री, निजी कर्मचारी, मजदूर, विद्यार्थी, नौकरीपेशा आम यात्रियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। रेलवे पर निर्भर कैंटिन, कुली, वेंडर, ऑटों चालकों का रोजगार छीन गया। जबकि बिलासपुर जोन में से रेलवे को सर्वाधित राजस्व मिलता है फिर भी इसी जोन में सर्वाधिक ट्रेनों को कैंसिल किया जाता है। मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों से अन्याय कर रही है। यात्रियों को रेल सेवा से वंचित रखा गया है। सिर्फ मालगाड़ी दौड़ाई जा रही है।
