छोटी दिवाली पर जाने पूजा का मुहूर्त

छोटी दिवाली : धनतेरस के साथ दिवाली की शुरुआत हो गई है . धनतेरस के पावन पर्व पर लोगों ने बाजारों में जमकर खरीदारी की और मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद भी मांगा। अब धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी, काली चौदस और धन त्रयोदशी छोटी दिवाली के मौके पर हनुमान जी की पूजा की जाती है. छोटी दिवाली कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल के मुहूर्त में यम का दीपक भी जलाया जाता है।इस दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दौरान यम दीपक जलाने का विशेष महत्व है. जानिए छोटी दिवाली के बारे में सबकुछ

इस वर्ष चतुर्थी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर शनिवार दोपहर 1.57 मिनट से होगी जो 12 नवंबर दोपहर 2.44 बजे तक जारी रहने वाली है। वहीं प्रदोष काल की बात करें तो छोटी दिवाली के लिए प्रदोष काल का समापन 11 नवंबर को होगा। ऐसे में प्रदोष काल के खत्म होने की सूरत में 11 नवंबर को ही छोटी दिवाली भी मनाई जाएगी।
इस बार बनेंगे शुभ योग
छोटी दिवाली के मौके पर खास योग भी बन रहे है। इस दिन सुबह प्रीति योग है जो शाम 4.59 बजे तक जारी रहेगा। इसके बाद आयुष्मान योग होगा, जो शाम 4.25 तक रहने वाला है। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत देर रात 1.47 मिनट से होगी जो 6.52 बजे तक जारी रहेगा।
नरक चतुर्दशी पर इस समय जलाएं दीपक
नरक चतुर्दशी के मौके पर दीपक जलाने का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दौरान प्रदोष काल की शुरुआत सूर्यास्त 05:32 बजे से होगी। इस दौरान ही यम दीपक जलाया जा सकता है। बता दें कि यमराज के लिए यम दीपक जलाने के लिए चौमुखी दीपक का उपयोग होता है। ये दीपक को घर में दक्षिण दिशा में जलाया जाता है। इसके अलावा इसे नाली के पास, घर के मुख्य द्वार या दक्षिण दिशा के पास रख सकते है।माना जाता है कि यम दीपक को शुभ मुहूर्त पर जलाने से यमराज प्रसन्न होते है। ऐसे परिवार पर कभी अकाल मृत्यु का साया नहीं होता है। यम दीपक से अकाल मृत्यु का संकट टल जाता है। वही नरक चतुर्दशी के दिन स्नान का भी विशेष महत्व है। इस दिन सुबह 05 बजकर 39 मिनट से सुबह 06 बजकर 52 मिनट तक ही स्नान का समय है। इस समय में स्नान करने से यमराज रूप सौंदर्य देते है। हिंदू धर्म में इस समय स्नान करने का खास महत्व है।