
गरियाबंद। गरियाबंद में सड़क दुर्घटना में घायल एक युवक दो घंटे तक तड़पता रहा है। दो घंटे बाद जब एंबुलेंस पहुंची तो युवक को अस्पताल ले जाया गया, जहां देर से इलाज मिलने के कारण युवकी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के संकल्प यात्रा में सामान ढोने के लिए एंबुलेंस को लगाया गया था। जिसकी वजह से झाखरपारा एंबुलेंस समय से घटनास्थल पर नहीं पहुंची थी।

दरअसल, बुधवार को झाखरपारा केंदुबन मार्ग पर दो बाइक की जोरदार भिड़त हो गई। हादसे में तीन लोग घायल हो गए थे। जनपद सदस्य असलम मेमन ने बताया कि हादसा लगभग दोपहर 2 बजे हुई थी। हादसे के बाद सबसे पहले 108 को कॉल किया गया। लेकिन कोई भी 108 एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची।
असलम मेमन ने बताया कि बाहर होने की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग में मौजूद अन्य सुविधाओं के लिए बीएमओ सुनील रेड्डी को कॉल किया गया। उनके द्वारा कॉल रिसीव नहीं करने पर अस्पताल के अन्य स्टाफ से मदद मांगी गई। दो घायलों को बाइक के जरिए देवभोग अस्पताल पहुंचाया गया था। वहीं दो घंटे बाद जब एंबुलेंस पहुंची तो भतरू को देवभोग अस्पताल पंहुचाया गया।
भतरू गंभीर हालत को देखते हुए प्रारंभिक इलाज के बाद भवानीपटना रेफर कर दिया गया था, जहा बुधवार देर रात उसकी मौत हो गई। असलम मेमन का कहना है कि अगर समय पर घायल को इलाज मिलता तो बच जाता। मृतक ओडिशा के चंदाहांडी क्षेत्र का रहने वाला था। बुधवार 17 जनवरी को वह अपनी बहन की शादी का कार्ड बांटने अपने भाई के साथ बाइक से निकला था।
बीएमओ सुनील रेड्डी का कहना है कि जिस वक्त कॉल आया वो किसी अन्य सरकारी काम में थे। लेकिन अन्य स्टाफ से कॉर्डिनेट कर वाहन उपलब्ध कराया गया था। 108 एंबुलेंस गरियाबंद पेसेंट लेकर आया था। सुपेबेडा का एंबुलेंस भी पेसेन्ट लेकर गया था। संकल्प शिविर में वीआईपी व अन्य लोगों की भीड़ होती है, इसलिए झाखरपारा एंबुलेंस को वहीं ड्यूटी में लगाया गया था।