पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में आज फैसला सुनाएगी कोर्ट

दिल्ली। दिल्ली में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के 15 साल से भी अधिक समय बीत गया है. वह साउथ दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर अपनी कार में मृत पाई गईं थीं. इस मामले में दिल्ली पुलिस को पांचों आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश करने में करीब 14 साल लग गए थे. दिल्ली की साकेत कोर्ट आरोपियों के खिलाफ आज फैसला सुनाएगी. साउथ दिल्ली की जिला अदालत साकेत कोर्ट ने बचाव और अभिययोजन पक्ष की दलीलें पूरी होने के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत आरोप तय किए गए थे.

मकोका के तहत आरोप लगाए जाने के बाद अभियोजन पक्ष को यह साबित करना था कि ये 5 आरोपी एक संगठित अपराध ‘गिरोह’ का हिस्सा हैं और हिंसक अपराध के कई मामलों में शामिल हैं. इन लोगों को 2018 में जिगिशा घोष मर्डर केस और नदीम मर्डर केस में दोषी ठहराया गया था, लेकिन संगठित अपराध के सबूत में महीनों और वर्षों की देरी देखी गई.
इस साल मार्च में पारित एक आदेश में कहा गया कि 2002 और 2009 में आरोपियों के खिलाफ दर्ज 3 एफआईआर के तहत मामलों के रिकॉर्ड का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है. इसी आदेश से यह भी पता चलता है कि 2007 के 2 मामलों में चार्जशीट की प्रमाणित प्रतियां कई आदेशों के बाद दायर की गईं. पुलिस ने कोर्ट को सूचित किया कि इन लोगों के खिलाफ 8 FIR में से केवल 3 का विवरण खोजा गया था.