बोआई के समय समितियों पर डीएपी नहीं

इलाहाबाद: तहसील में लालगंज, सांगीपुर, लक्ष्मणपुर, रामपुर संग्रामगढ़ समेत चार विकास खंड हैं. इन विकास खंडों में 40 से अधिक साधन सहकारी समितियां हैं. इनमें से इक्का-दुक्का समितियों को छोड़कर किसी पर डीएपी की खेप नहीं भेजी गई.
ऐसे में जिला मुख्यालय से भेजी गई समितियों की खेप दो-तीन दिन में ही खत्म हो गई. अब समितियों पर डीएपी नहीं है. वर्तमान में गेहूं व आलू के साथ सरसों आदि की बोआई का सीजन चल रहा है, ऐसे में किसानों को डीएपी की सबसे अधिक आवश्यकता है. समितियों पर डीएपी के लिए चक्कर काटकर थक चुके किसान बाजार से महंगी कीमत पर डीएपी खरीद रहे हैं. किसानों का कहना है कि समय पर डीएपी नहीं मिली तो फसल परभी इसका वृहद असर पड़ेगा. उत्पादन में कमी आएगी.

इस समय आलू व गेंहू की बोआई का समय है. ऐसे में डीएपी खाद की सबसे बड़ी जरूरत है लेकिन समिति में डीएपी नही है. मजबूर होकर बाजार में बिकने वाली मंहगी खरीदना पड़ रहा है. –
फिरोज खान, कटवढ
समिति पर डीएपी नही है. एक दो समिति पर डीएपी आई तो मनमानी तरीके से कीमत लेकर दी गई. अब डीएपी की किल्लत से बोआई प्रभावित हो रही है.
शिवप्रकाश सिंह, कटरा सांगीपुर
बोआई के लिए डीएपी नही है. धान के समय यूरिया की जरूरत थी उस समय यूरिया नही थी. इस तरह समिति पर किसानों की जरूरत के समय खाद कभी नही मिल पाती है, अब बता रहे हैं कि जिले में ही नही है. रामसजीवन यादव, बेलहा
समितियों पर खाद आना है, एक दो समितियों पर खाद आई भी थी लेकिन जरूरत के हिसाब से पूरी नही हो पाई. जल्द ही खाद सभी समितियों पर आने वाली है.
रोहित वर्मा, एडीओ कोऑपरेटिव