करोड़ों रुपए की GST मांग को हाईकोर्ट में चुनौती

पंजिम: दो ऑफ-शोर कैसीनो संचालकों ने जुलाई 2017 से मार्च 2022 तक जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय द्वारा उठाई गई करोड़ों रुपये की जीएसटी मांग को गोवा में बॉम्बे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। डेल्टा कॉर्प लिमिटेड और एक अन्य ने एक रिट याचिका दायर की है जिसमें चुनौती दी गई है कि जीएसटी सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 31 ए के तहत है। उन्होंने 27 सितंबर, 2023 के कारण बताओ नोटिस को भी चुनौती दी है, जो उनके अनुसार आधारित है। मुख्य रूप से सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 31 पर। उन्होंने सीजीएसटी अधिनियम की धारा 15 (5) और सीजीएसटी अधिनियम और नियमों के तहत जारी कुछ अधिसूचनाओं और परिपत्रों को भी चुनौती दी है।

याचिकाकर्ताओं पर बहस करते हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सिक्किम उच्च न्यायालय द्वारा पारित 20 अक्टूबर, 2013 के एक आदेश को रिकॉर्ड पर रखा, जिसमें डेल्टा कॉर्प लिमिटेड और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में इसी तरह की चुनौती वाली एक रिट याचिका को स्वीकार किया गया था। जिसमें सिक्किम उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख तक 628 करोड़ रुपये की जीएसटी मांग पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने तब भारत के अटॉर्नी जनरल सहित सभी उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने सीजीएसटी अधिनियम की धारा 15 (5) को चुनौती दी है।
न्यायालय ने प्रतिवादियों में से एक से यह भी कहा कि वह अदालत की अनुमति के बिना कारण बताओ नोटिस पर कोई अंतिम आदेश पारित न करें। वरिष्ठ वकील साल्वे ने कहा कि याचिकाकर्ता कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करेंगे। कोर्ट ने अब इस मामले को अंतिम निपटान के लिए 5 फरवरी 2024 को रखा है।