आतंकियों में भारतीय सेना का खौफ: अब पाकिस्तान के रिटायर्ड जवान कर रहे घुसपैठ, आर्मी अफसर का दावा

श्रीनगर: आर्मी के एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया है कि कश्मीर में अब पाकिस्तान के रिटायर्ड जवान भी आतंकी बनकर घुसपैठ कर रहे हैं। नॉर्दर्न आर्मी के कमांडर लेफटिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, जब हमने पहचान की तो कुछ आतंकी ऐसे मिले जो कि रिटायर्ड फौजी थे। पाकिस्तान को अब यहां स्थानीय स्तर पर आतंकियों की भर्तियां नहीं मिल रही हैं। ऐसे में वे बाहर से आतंकी लाकर यहां पर दहशत फैलाना चाहते हैं। इसलिए हमारी प्राथमिकता इन विदेशी आतंकियों को खत्म करने की है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी में अब भी आतंकवादियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ चल रही है। गुरुवार को बम बनाने के एक्सपर्ट एक आतंकी को मार गिराया गया है। जानकारी के मुताबिक वह स्नाइपर भी था। लश्कर के टॉप आतंकियों में उसकी गिनती होती थी। लंबे समय से वह सुरक्षाबलों के लिए टेंशन का सबब बना हुआ था। बता दें कि राजौरी में चल रहे एनकाउंटर के दौरान चार जवान शहीद हो चुके हैं जिनमें दो अफसर भी शामिल हैं।
#WATCH | On being asked if some of the terrorists could be soldiers of the Pakistan Army’s Special Forces, Northern Army Commander Lt Gen Upendra Dwivedi says, “Some of the terrorists have been found to be retired soldiers…Pakistan wants to bring foreign terrorists here as… pic.twitter.com/rZVbj0N0aa
— ANI (@ANI) November 24, 2023
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने के लिए सेना ऑपरेशन क्लीन चला रही है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान घाटी में लगातार आतंकी भेजता रहता है और उसकी कोशिश रहती है कि 60-70 आतंकी घाटी में मौजूद रहें। ऐसे में जब सेना आतंकियों का सफाया करती है तो वह और ज्यादा आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश करता है। घाटी में अब स्थानीय भर्तियां ना के बराबर हो रही हैं इसलिए पाकिस्तानी आतंकियों को घुसपैठ का ही सहारा है। जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की मौत में 77 फीसदी तक की कमी आई है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल जम्मू-कश्मीर में 81 आतंकवादी मारे गए हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहाड़ों और जंगली इलाकों में आतंकियों ने गुफाओं को अपना ठिकाना बना रखा है। ऐसे में उन्हें खत्म करना एक बड़ी चुनौती भी हो जाती है। ड्रोन के जरिए भी बीहड़ और जंगल में आतंकियों को लोकेट करना मुश्किल हो जाता है। वहीं आतंकी गुफाओं से छिपकर जवानों पर हमला कर देते हैं। ऐसे में कई जवान शहीज हो चुकी हैं। इस साल आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान 27 जवान शहीद हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि पीर पंजाल के जंगलों में काफी पुरानी गुफाएं हैं जिनका इस्तेमाल आतंकी करते हैं। इसके लिए आतंकियों के लिए काम करने वाले गुप्त वर्कर उनतक जरूरी सामान भी पहुंचा देते हैं।
#WATCH | Army personnel and locals in J&K’s Poonch pay last respects to Havildar Abdul Majid who lost his life fighting terrorists during the Rajouri encounter pic.twitter.com/J2Mpzu3tjX
— ANI (@ANI) November 24, 2023