लद्दाख : कारगिल में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.4 रही तीव्रता

लद्दाख : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल में मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किये गये। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। कारगिल में भूकंप के झटके 4.4 रही। अभी तक किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं मिली है।

भूकंप क्यों आता है
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटें हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स सबसे ज्यादा खंडित हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन के व्यापारी हैं। बार-बार की संरचना से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब बहुमत बनता है तो प्लेट्स बेचने वाले बनते हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है और भूकंप आने के बाद तनाव उत्पन्न होता है।
जानिए बंकप सेंटर और बिजनेस सेंटर का मतलब क्या है
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस स्थान पर भूकंप का कोयला सबसे ज्यादा होता है। कूल की आरती ज्यों-ज्यों दूर होती है, इसका प्रभाव कम होता है। फिर भी अगर रिक्टर स्कैलप पर 7 या इससे अधिक की हड्डी वाला भूकंप है तो लगभग 40 किमी के हिस्से में झटका होता है। लेकिन इस बात पर भी सहमति है कि भूकंपीय आग ऊपर की तरफ या सतह पर है। यदि कूल की आरती ऊपर है तो क्षेत्र कम प्रभावित होगा।
भूकंप का खतरा कैसे होता है और डायनासोर का पैमाना क्या है
भूंकप की जांच रिक्टर स्कैन से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्कैन कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर स्थापित किया जाता है। भूकंप को इसके केंद्र अर्थात एपीसेंटर से डिस्चार्ज किया जाता है। भूकंप के दौरान धरती के अंदर से जो ऊर्जा नष्ट होती है, उसकी कमर टूट जाती है। इसी तरह के लक्षण से भूकंप के लक्षण का सार होता है।
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