भविष्य का परिदृश्य लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश होते ही झारखंड में बढ़ने लगी सियासी सरगर्मी

झारखण्ड | नारी शक्ति वंदन विधेयक (महिला आरक्षण विधेयक) लोकसभा में पेश हो गया है. को इस पर चर्चा होगी. विधेयक के कानून बनने की प्रक्रिया अभी बाकी है, लेकिन इस विधेयक को लेकर सूबे की सियायत में सरगर्मी बढ़ गई है. जनसंख्या के लिहाज से प्रदेश की राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है. कमोवेश प्रमुख राजनीतिक दलों में भी यही स्थिति है.
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि महिला आरक्षण को लेकर कानून बनने के बाद झारखंड की राजनीतिक तस्वीर में बदलाव जरूर होगा. झारखंड राज्य विधानसभा में 27 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी. सभी दलों को शामिल कर लें तो पांचवीं विधानसभा में केवल 12 महिला विधायक हैं. राज्य में निर्वाचित विधायकों की कुल संख्या 81 है. नए परिसीमन के बाद महिला आरक्षण लागू होने पर झारखंड विधानसभा में आरक्षित सीटों की संख्या स्वाभाविक रूप से बढ़ जाएगी.
सत्ताधारी गठबंधन महिला विधायकों के मामले में आगे
सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन महिला विधायकों के मामले में आगे है. दोंनो दलों में चार-चार महिला विधायक हैं. 2019 में विधानसभा चुनाव में कुल 127 महिला प्रत्याशियों ने ताल ठोकी और इनमें से 10 महिलाएं निर्वाचित होकर विधानसभा में अपने-अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. रामगढ़ और डुमरी उपचुनावों दो और महिलाओं ने जीत का परचम लहराया. अब विधानसभा में महिला विधायकों की कुल संख्या 12 हो गई है. इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में 109 महिलाओं ने भाग्य आजमाया और इनमें से नौ ने जीत हासिल की.
झारखंड से महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा
महिलाओं को आरक्षण मिलने पर झारखंड से लोकसभा और राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा. राज्य में लोकसभा की 14 में पांच सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. मौजूदा समय में राज्य से दो महिलाएं सांसद अन्नापूर्णा देवी और गीता कोड़ा हैं. अन्नपूर्णा देवी केंद्र सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री हैं. गीता कोड़ा प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. झारखंड से राज्यसभा की छह सीटें हैं. महिला राज्यसभा सदस्यों में झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी का नाम शामिल है.
झारखंड में वर्तमान महिला विधायक
● झामुमो सीता सोरेन, सविता महतो, जोबा मांझी और बेबी देवी
● कांग्रेस दीपिका पांडेय सिंह, पूर्णिमा नीरज सिंह, नेहा शिल्पी तिर्की, अंबा प्रसाद
● भाजपा अपर्णा सेनगुप्ता, नीरा यादव और पुष्पा देवी
● आजसू पार्टी सुनीता चौधरी
● राज्य की लोकसभा सांसद भाजपा से अन्नपूर्णा देवी और कांग्रेस से गीता कोड़ा
● राज्यसभा सांसद झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी
रांची, विशेष संवाददाता. नारी शक्ति वंदन विधेयक (महिला आरक्षण विधेयक) लोकसभा में पेश हो गया है. को इस पर चर्चा होगी. विधेयक के कानून बनने की प्रक्रिया अभी बाकी है, लेकिन इस विधेयक को लेकर सूबे की सियायत में सरगर्मी बढ़ गई है. जनसंख्या के लिहाज से प्रदेश की राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है. कमोवेश प्रमुख राजनीतिक दलों में भी यही स्थिति है.
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि महिला आरक्षण को लेकर कानून बनने के बाद झारखंड की राजनीतिक तस्वीर में बदलाव जरूर होगा. झारखंड राज्य विधानसभा में 27 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी. सभी दलों को शामिल कर लें तो पांचवीं विधानसभा में केवल 12 महिला विधायक हैं. राज्य में निर्वाचित विधायकों की कुल संख्या 81 है. नए परिसीमन के बाद महिला आरक्षण लागू होने पर झारखंड विधानसभा में आरक्षित सीटों की संख्या स्वाभाविक रूप से बढ़ जाएगी.


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