क्या है लूनर एक्लिप्स, क्या है इसकी लंबाई का कारण, यहां जानिए खगोलीय घटना की पूरी जानकारी

28-29 अक्टूबर की रात को चंद्र ग्रहण करने वाला है। भारत समेत दुनिया के बड़े हिस्सों में लोग इसे आकर्षक देखते हैं। लेकिन लोग अब पूछ रहे हैं कि चंद्र ग्रहण क्या है? विज्ञान की दृष्टि से चंद्र ग्रहण के बारे में हम इस खबर में जानेंगे। आप जानते होंगे कि सूर्य हमारा सौर मंडल केंद्र में है। सूर्य हमारा सबसे निकट का तारा है, अपनी ऊर्जा प्रदर्शित करता है। इसका अपना उदय और चमक है, जिसके माध्यम से प्रकाश पृथ्वी सहित बाकी अवशेष तक का उद्घाटन है। पृथ्वी सूर्य चारों ओर घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी चारों ओर घूमता है। जब पृथ्वी अपनी दृष्टि के दौरान सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है तो चंद्र ग्रहण होता है। इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।
साल 2023 में दो चंद्र ग्रहण लगे। प्रथम 5 मई को उपछाया चन्द्र ग्रहण था। दूसरा चन्द्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर को। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण पूर्वी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ देशों में दिखाई देगा। इस काल में पृथ्वी की छाया भी दो प्रकार की होती है। एक उपछाया अर्थात् गहरी छाया। जबकि दूसरी उपछाया का अर्थ बाहरी और छाया है। चन्द्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, इस बात पर अलोचना की गई है कि सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक सीध में कैसे घटित होते हैं।

पूर्ण चन्द्रकर्ण लाल है
पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा की सतह लाल हो जाती है, इस कारण रक्त चंद्रमा भी कहा जाता है। इसके लाल रंग का कारण सूर्य के प्रकाश का पृथ्वी के द्वीप के साथ संपर्क है। जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर आता है तो हमारे समूह में विभिन्न प्रकार की रोशनी उत्पन्न होती है। पर्यावरण में दोस्ती की रोशनी बिखरती है। जबकि लंबी तरंगदैर्घ्य वाली लाल रोशनी भी पृथ्वी की छाया तक बनी हुई है। इस कारण पृथ्वी की छाया चंद्रमा तक पहुंचने से वह पूरी तरह से अंधकारमय नहीं हो पाती।

चंद्र ग्रहण से जुड़ी खास बातें
खगोलीय दृष्टि से, चन्द्र ग्रहण एक सामान्य सामान्य घटना है। TimeandDate.com के अनुसार, प्रत्येक वर्ष अधिकतर तीन चन्द्र ग्रहण होते हैं।
लगभग 29 प्रतिशत चन्द्र ग्रहण पूर्ण होते हैं।
हर साल किसी न किसी स्थान पर चंद्र ग्रहण दिखाई देता है।
चंद्र ग्रहण 30 मिनट से लेकर एक घंटे से अधिक समय तक रह सकते हैं। यह उसकी स्थिति पर निर्भर है.
नासा के अनुसार, वर्ष 2024 में दो चंद्रग्रहण ग्रहण। लेकिन इनसे एक भी भारत में नहीं देखा जाएगा। भारत में अगला चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगाया जाएगा।

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