ग्रामीण क्षेत्र में आई फ्लू फैला, अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या

धौलपुर। बाड़ी शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों वायरस जनित बीमारी कंजंक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू फैला हुआ है. इस बीमारी को लेकर जहां संक्रमण की दर लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं, अस्पताल में दिखाने आने वाले मरीजों में सबसे ज्यादा संख्या आई फ्लू के मरीजों की है। ऐसे में नेत्र चिकित्सक नहीं होने के कारण नेत्र सहायक ही मरीजों को देखने के साथ उपचार भी कर रहे हैं.
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक रोजाना दिखाने आने वाले मरीजों में से 150 मरीज आई फ्लू से पीड़ित हैं। इसके चलते अस्पताल स्टाफ में आई फ्लू की बीमारी भी फैल गई है। लैब में टेस्ट करने वाले तकनीशियनों को आई फ्लू हो गया है, लेकिन स्टाफ कम होने के कारण उन्हें छुट्टी नहीं मिल पा रही है।
आई फ्लू बीमारी के बारे में अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि यह एक वायरस जनित बीमारी है. जो छुआछूत की बीमारी है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। ऐसी स्थिति में यह रोग रोगी के कपड़ों, रोगी के पानी तथा रोगी के साथ रहने पर हो जाता है। इसके लिए सबसे अच्छा है कि मरीज को अलग रखा जाए और उसके खाने-पीने के साथ-साथ कपड़े भी अलग रखे जाएं। कपड़ों को प्रतिदिन रोगाणुरहित करना चाहिए तथा रोगी को आंखों में एंटीबायोटिक दवा लेनी चाहिए तथा इसके साथ चश्मा अवश्य पहनना चाहिए।
छोटे बच्चों में सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे इस बीमारी से प्रभावित देखे जा रहे हैं। ऐसे में जब ये बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं तो क्लास के दूसरे बच्चों को भी प्रभावित कर रहे हैं. हालांकि स्कूलों में भी एडवाइजरी जारी की गई है कि जिन बच्चों को आई फ्लू हुआ है. वे या तो स्कूल नहीं आये और आये तो चश्मा लगाये हुए थे।
