वैज्ञानिकों ने खोज निकाली वजह मंगल ग्रह की ज़मीन को 6 घंटों तक दहलाने वाले इस भूकंप के आने का कारण

मंगल ग्रह पर भी भूकंप आते हैं। यह जानकारी पिछली रिपोर्ट्स में सामने आ चुकी है। अब वैज्ञानिकों ने कहा है कि मंगल ग्रह पर अब तक दर्ज किया गया सबसे शक्तिशाली भूकंप किसी क्षुद्रग्रह की टक्कर के कारण नहीं था, बल्कि ग्रह के अंदर विवर्तनिक ताकतों का परिणाम था। जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित एक पेपर में कहा गया है कि मंगल ग्रह भूकंप के लिहाज से काफी सक्रिय है। गौरतलब है कि पिछले साल 4 मई को मंगल ग्रह पर 4.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था. इसे इनसाइट लैंडर द्वारा रिकॉर्ड किया गया था और यह 2021 में आए 4.2 तीव्रता के भूकंप से 5 गुना अधिक शक्तिशाली था।

मंगल ग्रह पर 4.7 तीव्रता के भूकंप का असर 6 घंटे तक रहा। यह किसी भी ग्रह पर आया सबसे शक्तिशाली और सबसे लंबा भूकंप था। स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक, नवंबर 2018 में मंगल ग्रह पर उतरने के बाद इनसाइट लैंडर ने वहां 1,300 से ज्यादा भूकंप रिकॉर्ड किए हैं। इनमें से लगभग 8 भूकंप क्षुद्रग्रहों के कारण आए थे। वहीं, मई 2022 में दर्ज किए गए भूकंप से भी क्षुद्रग्रह हमले की संभावना लग रही थी, लेकिन जब मामले की जांच की गई तो ऐसा नहीं पाया गया। यदि वह भूकंप किसी क्षुद्रग्रह के कारण आया होता, तो क्षुद्रग्रह के प्रभाव से मंगल ग्रह पर एक गड्ढा बन गया होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
भारत, चीन, यूरोप और संयुक्त अरब अमीरात के ऑर्बिटर्स ने क्रेटर की खोज की, लेकिन उसे नहीं ढूंढ सके। कई महीनों की खोज के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि भूकंप का कारण टेक्टोनिक गड़बड़ी थी। शोधकर्ता यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि मंगल ग्रह के कुछ क्षेत्र ग्रह के अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक तनावपूर्ण क्यों हैं। इस खोज से वैज्ञानिकों को यह तय करने में मदद मिलेगी कि भविष्य में मंगल के किन क्षेत्रों में इंसान रह सकते हैं।
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