माओवादियों से कोल्हान के 45 संगठनों की सांठगांठ की आशंका, स्पेशल ब्रांच ने जारी की रिपोर्ट


झारखण्ड | कोल्हान के तीन जिलों में लगभग 35 और दूसरे राज्यों से कोल्हान में संचालित होने वाले कुल 10 संगठनों के माओवादियों से सांठगांठ की आंशका स्पेशल ब्रांच ने जताई है. इन संगठनों की गतिविधियों की जांच के आदेश दिए गए हैं. कुल 45 संगठन का संबंध माओवादी संगठनों से होने का संदेह जताया गया हैं, जिसकी निगरानी झारखंड पुलिस कर रही है.
कोल्हान के संगठनों में पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में 9, सरायकेला-खरसावां में 6, पूर्वी सिंहभूम(जमशेदपुर) में 20 संगठन हैं. इनमें से कई ऐसे भी संगठन है, जो एक साथ कई जिले में संचालित हो रहे हैं. कोल्हान के जिले अति माओवाद प्रभाव श्रेणी में हैं. अति नक्सल प्रभावित जिलों में सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं. पूर्वी सिंहभूम में कुछ वर्ष पहले तक नक्सली गतिविधियां संचालित की जाती थी, लेकिन इन दिनों यहां उनकी गतिविधि बंद है.
ये संगठन हैं रडार पर स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड जनाधिकार महासभा, झारखंड जन संघर्ष मोर्चा, विस्थापन विद्रोही जन विकास आंदोलन, झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन, झारखंड काउंसिल फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स, एकता परिषद, जंगल बचाओ आंदोलन, झारखंड एनआरईए वॉच, ट्राईबल रिसर्च और ट्रेनिंग सेंटर, झारखंड लोकतंत्र बचाओ मंच, सीपीआई, गांव गणराज्य परिषद, हासा और भाषा जगाओ संगठन, आदिवासी मूलवासी विकास मंच, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया, एआईडीएसओ, एआईडीएफ, विस्थापित मुक्ति वाहिनी, झारखंड ऑर्गेनाइजेशन अगेंस्ट रेडिएशन जादूगोड़ा, जल जंगल सुरक्षा समिति, झारखंड विस्थापन विद्रोही एकता मंच, दलमा जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी, झारखंड मुक्ति वाहिनी, दलमा मुक्ति वाहिनी, वन समिति, अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा सहित अन्य संगठन हैं. पुलिस ने इनकी निगरानी शुरू कर दी है.

झारखण्ड | कोल्हान के तीन जिलों में लगभग 35 और दूसरे राज्यों से कोल्हान में संचालित होने वाले कुल 10 संगठनों के माओवादियों से सांठगांठ की आंशका स्पेशल ब्रांच ने जताई है. इन संगठनों की गतिविधियों की जांच के आदेश दिए गए हैं. कुल 45 संगठन का संबंध माओवादी संगठनों से होने का संदेह जताया गया हैं, जिसकी निगरानी झारखंड पुलिस कर रही है.
कोल्हान के संगठनों में पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में 9, सरायकेला-खरसावां में 6, पूर्वी सिंहभूम(जमशेदपुर) में 20 संगठन हैं. इनमें से कई ऐसे भी संगठन है, जो एक साथ कई जिले में संचालित हो रहे हैं. कोल्हान के जिले अति माओवाद प्रभाव श्रेणी में हैं. अति नक्सल प्रभावित जिलों में सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं. पूर्वी सिंहभूम में कुछ वर्ष पहले तक नक्सली गतिविधियां संचालित की जाती थी, लेकिन इन दिनों यहां उनकी गतिविधि बंद है.
ये संगठन हैं रडार पर स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड जनाधिकार महासभा, झारखंड जन संघर्ष मोर्चा, विस्थापन विद्रोही जन विकास आंदोलन, झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन, झारखंड काउंसिल फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स, एकता परिषद, जंगल बचाओ आंदोलन, झारखंड एनआरईए वॉच, ट्राईबल रिसर्च और ट्रेनिंग सेंटर, झारखंड लोकतंत्र बचाओ मंच, सीपीआई, गांव गणराज्य परिषद, हासा और भाषा जगाओ संगठन, आदिवासी मूलवासी विकास मंच, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया, एआईडीएसओ, एआईडीएफ, विस्थापित मुक्ति वाहिनी, झारखंड ऑर्गेनाइजेशन अगेंस्ट रेडिएशन जादूगोड़ा, जल जंगल सुरक्षा समिति, झारखंड विस्थापन विद्रोही एकता मंच, दलमा जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी, झारखंड मुक्ति वाहिनी, दलमा मुक्ति वाहिनी, वन समिति, अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा सहित अन्य संगठन हैं. पुलिस ने इनकी निगरानी शुरू कर दी है.
