क्या आप जानते हैं लड़कियाँ क्यों होती हैं इतनी प्यारी

यारों ये लड़कियाँ क्या चाहती हैं? जब तुम उनसे प्यार करते हो, तो उन्हें लगता है कि हम दिखावा कर रहे हैं, जब तुम उनकी बातें सुनते हो, तो उन्हें लगता है कि वे बाहर निकलने के लिए ऐसा कर रहे हैं, जब वे नष्ट हो जाते हैं, तो उन्हें लगता है है कि हम बिल्कुल प्यार नहीं करते, एक तरफ, सारी दुनिया की जिम्मेदारी वह अपने सिर पर ले जाती है, दूसरी तरफ खुद को इतना महत्व देती है कि मत पूछो… काम भी करता है, पर हँसती है, किस बात पर रोटी है, कुछ समझ में नहीं आता है। एक्सर हर लड़का कर्क वो पति हो या दोस्त अपनी फीमेल कोलकाता को लेकर काफी कंफ्यूज रहता है। उन्हें लगता है कि लड़का जब एक बार एक ही बात बताता है तो लड़कियां इतनी जल्दी अपना नेचर कैसे बदल लेती हैं? कभी उन्हें किसी चीज की जरूरत होती है तो कभी वह चीज उनके लिए फायदेमंद हो जाती है।

‘कामसूत्र’ इतना अमानवीय क्यों है?
इसमें कोई शक नहीं है कि लड़के-लड़कियों से थोड़ी अलग सोचती हैं, लेकिन वे कैसे सोचती हैं या अलग क्यों सोचती हैं, आइए हम आपको बताते हैं:-
1. महिलाओं में पुरुषों की तुलना में लोगों के इशारों की शक्ति थोड़ी अधिक होती है। ये कोई चमत्कारी ज्ञान नहीं है, बल्कि ये इनका जैविक गुण है।
2. जब महिलाओं को कॉम्प्लेक्स रिफ्लक्स का सामना करना पड़ता है या खुद के लिए ग्रुप बनाया जाता है, तो उनके दिमाग में थोड़ी विपरीत दिशा होती है। जब वह अधिक तनाव में होता है, तो उसका स्ट्रोक होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसके अलावा संघर्ष की गहराई में उनके अंदर अपमान की भावना पैदा होती है।
आपकी गर्लफ्रेंड पीछे क्या है?
3. भय, चिंता और तनाव के दौरान महिलाओं की शक्ति पुरुषों से भिन्न होती है। ऐसे में उनके अवसाद से पीड़ित होने की संभावना अधिक हो जाती है।
4. महिलाएं कभी भी पुरुषों जैसा आक्रामक व्यवहार नहीं कर पाती हैं। जब उसे खतरे का आभास होता है, तो वह बचने या खतरे का सामना करने के लिए रणनीति तैयार करता है।
5. गर्भावस्था के दौरान, आठ सप्ताह में एक महिला के मस्तिष्क में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन 30 गुना अधिक तेजी से बढ़ता है, जिसके परिणामस्वरूप इस दौरान एनीमिया की संभावना अधिक होती है।
6. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि जहां पुरुषों को केवल एक बार गैंग का सामना करना पड़ता है, वहीं महिलाओं को दो बार गैंग का सामना करना पड़ता है। महिलाओं में दूसरी युवावस्था की शुरुआत 43 साल की उम्र से होती है और 48 साल की उम्र तक चलती है। इस दौरान महिलाओं को मासिक धर्म चक्र और नींद न आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई महिलाएं भी किशोरी की तरह व्यवहार करने लगती हैं।
7. वृद्धावस्था में महिलाएं, पुरुषों से लेकर अधिकांश अभिलेखों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। यह सब पुरुष तो ठीक है लेकिन महिलाओं को यह सब करने के लिए प्रेरित किया जाता है।