रांची ई-कैरिफाई चालक की मौत का विरोध, तूफान पुलिस के फैसले पर माने

झारखण्ड : डोरंडा थाना क्षेत्र के मेकॉन श्यामली कॉलोनी परिसर में रहने वाले ई-रिक्शा चालक 45 साल के रामनाथ महतो की स्टेशन रोड में एक निजी अस्पताल में इलाज के क्रम में को मौत हो गई. रामनाथ कॉलोनी में ही झुग्गी-झोपड़ी में रहते थे और जीविका के लिए स्वयं की ई-रिक्शा चलाते थे.
परिजनों का आरोप है कि पिछले दिनों एक कार में धक्का लगने के मामले में मेकॉन के निजी सुरक्षाकर्मियों ने 50 हजार हर्जाना नहीं देने पर उनकी पिटाई की थी. जख्मी होने बाद में इलाज के क्रम में अस्तपताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. मामले की जानकारी होते ही बड़ी संख्या में बस्ती से लोग मेकॉन सिक्यूरिटी कंट्रोल रूम पहुंचे और रामनाथ की हत्या के आरोपी निजी सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार करने एवं मुआवजा की मांग करने लगे. मामले को लेकर निजी सुरक्षा एजेंसी के प्रतिनिधियों से प्रदर्शन करने वालों की नोकझोंक भी हुई. घटना की सूचना मिलने के बाद हटिया डीएसपी राजा मित्रा, डोरंडा, जगन्नाथपुर, एयरपोर्ट और चुटिया थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराया. मामले में रामनाथ की पत्नी अंतु देवी की शिकायत पर डोरंडा पुलिस जांच में जुट गई है.
ई-रिक्शा से लगा था कार को धक्का

परिजनों ने बताया कि पिछले नौ को दिन में रामनाथ महतो अपनी ई-रिक्शा लेकर पुत्र शिवा के साथ कहीं जा रहे थे. उनके घर के समीप ही ई-रिक्शा से एक कार में धक्का लग गया. रामनाथ द्वारा गुहार-मनुहार किए जाने पर कार पर सवार लोग वहां से चले गए. आरोप है कि बाद में निजी सुरक्षाकर्मी रामनाथ को पकड़ कर कंट्रोल रूम ले गए और हर्जाना के तौर पर 50 हजार रुपए की मांग की. इसकी जानकारी होने के बाद रामनाथ की पत्नी और बेटी वहां पहुंची. वहां दोनों को बताया गया कि 50 हजार हर्जाना देना है. बाद में पत्नी और बेटी ने किसी तरह 10 हजार रुपए का जुगाड़ किया और दोपहर में फिर कंट्रोल रूम पहुंची, जहां पर रामनाथ अचेत अवस्था में पड़े थे. परिवार वाले उन्हें निजी अस्पताल ले गए, जहां उनकी मौत हो गई