राँची ग्रेडिंग के फेर में वित्तारोहित असंतोष का अनुदान अधिनियम में संशोधन होगा फिर मिल चार गुना अनुदान

झारखण्ड : ग्रेडिंग की वजह से राज्य के वित्तरहित संस्थानों का चार गुना अनुदान अटक गया है. तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इस पर अपनी सहमति जतायी थी, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. वर्तमान में राज्य के वित्तरहित संस्थानों के 10 हजार शिक्षकों व कर्मचारियों को दोगुना अनुदान का भुगतान किया जा रहा है. 2023-24 का अनुदान ग्रेडिंग के आधार पर चार गुना दिये जाने की बात थी, लेकिन अब तक इस पर कार्रवाई नहीं हुई है.
राज्य के इंटर कॉलेजों, हाई स्कूल, संस्कृत विद्यालय, मदरसा की ग्रेडिंग के लिए सबसे पहले अधिनिमय में संशोधन करना होगा. सरकार को झारखंड राज्य शैक्षिक अनुदान अधिनियम 2004 और झारखंड राज्य शैक्षिक अनुदान अधिनियम 2015 में संशोधन करना होगा. इसका प्रस्ताव पहले कैबिनेट में लाया जाएगा. हालांकि शिक्षा विभाग ने इंटर कॉलेजों की ग्रेडिंग शुरू की थी, लेकिन तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद यह ठंडे बस्ते में चला गया.

तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्व जगरनाथ महतो कर चुके थे अनुमोदन
शिक्षकों व कर्मचारियों को दोगुना अनुदान का भुगतान किया जा रहा है
संस्थानों को ग्रेड-ए से डी तक बांटा जा रहा है
वित्तरहित संस्थानों की ग्रेडिंग की जा रही है. इसके तहत संस्थानों को ग्रेड-ए से डी तक बांटा जाएगा. इसमें ए-ग्रेड को चार गुना या पांच गुना अनुदान तक दिया जाएगा. वहीं, बी-ग्रेड वाले को तीन गुना व सी-ग्रेड वालों को वर्तमान में मिल रही राशि का भुगतान किया जाएगा. सरकार का स्पष्ट रुख है कि बेहतर संस्थानों को बेहतर अनुदान मिलना चाहिए. इसलिए ग्रेडिंग कराने की तैयारी है.
91 स्कूलों की रोकी गई राशि होगी जारी
कमरों को लेकर 91 स्कूलों का लंबित अनुदान जारी किया जाएगा. शिक्षा विभाग ने इस बाबत जिलों को निर्देश दे दिया है. इस बार उन्हें अनुदान दे दिया जाएगा. भविष्य में नियमावली के अनुसार कमरों की संख्या स्कूल भरेंगे. वहीं, पूर्व में जारी की गई राशि का भुगतान अब तक संस्थानों नहीं दिया गया है. चार सितंबर को राशि जारी की गई है, लेकिन तीन जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी संस्थान के खाते में राशि भेजे हैं. इस पर शिक्षा विभाग ने 17 तक रिपोर्ट तलब की है.