मध�?यप�?रदेश पर संघ की खास नजर
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भोपाल (आई�?�?न�?स)| मध�?यप�?रदेश में इसी साल विधानसभा के च�?नाव होने वाले हैं, यह च�?नाव कांग�?रेस और भारतीय जनता पार�?टी दोनों के बीच कशमकश भरे होना है, इस संभावना को कोई नहीं नकार सकता। यही कारण है कि राष�?ट�?रीय स�?वयंसेवक संघ ने इन च�?नावों पर खास नजर बनाई ह�?ई है।
राज�?य में ह�?�? वर�?ष 2018 के विधानसभा च�?नाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। लिहाजा, वर�?ष 2023 के च�?नाव में किसी तरह की कमीबेशी न रह जा�?, इसके लि�? भाजपा की ओर से �?ड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है। राष�?ट�?रीय स�?वयंसेवक संघ को भाजपा का मातृ संगठन माना जाता है, मगर संघ कभी भी ख�?ले तौर पर च�?नावी गतिविधियों में हिस�?सेदारी नहीं लेता। पर�?दे के पीछे रहकर भाजपा के लि�? जमीन जरूर तैयार करता है।
सूत�?रों का कहना है कि संघ ने जमीनी स�?तर के आकलन की प�?रक�?रिया को तेज कर रखा है और वर�?तमान विधायकों के अलावा जहां कांग�?रेस से विधायक हैं, उन स�?थानों की स�?थिति का भी ब�?यौरा ज�?टाया जा रहा है।
कई विधायकों का फीडबैक नकारात�?मक आया है, जिसके चलते उनके टिकट भी कट सकते हैं, इसके साथ ही संघ से ज�?ड़े लोग अपनी सामाजिक गतिविधियों को भी बढ़ा रहे हैं।
संघ के प�?रम�?ख सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के भी मध�?यप�?रदेश के दौरे लगातार हो रहे हैं। उनके इन प�?रवासों को भी सियासी चश�?मे से देखा जा रहा है।
इन प�?रवासों के दौरान भागवत ने समाज के अलग-अलग प�?रतिनिधियों से बैठक की और अपनी बात कहने के साथ उनके भी विचार स�?ने। भागवत के अलावा भी संघ के प�?रम�?ख लोगों की राज�?य में गतिविधियां बढ़ रही हैं।
इतना ही नहीं, इंदौर में विश�?व हिंदू परिषद की तीन दिवसीय सन�?यासी मंडल व प�?रबंध समिति की बैठक भी ह�?ई। इस बैठक में लव जिहाद, धर�?मातरण जैसे म�?द�?दे छा�? रहे।
बैठक में यह भी तय ह�?आ है कि विहिप, बजरंग दल, द�?र�?गा वाहिनी, संतों और समाज के चिंतकों के साथ मिलकर इन स�?थितियों से म�?काबला करेगा। यह निर�?णय उस इलाके में ह�?ई बैठक में लिया गया है, जहां सबसे ज�?यादा इस तरह की घटना�?ं सामने आती हैं।
राजनीतिक विश�?लेषकों का मानना है कि आर�?स�?स और उसके अन�?षांगिक संगठनों की राज�?य में सक�?रियता पहले के म�?काबले कहीं ज�?यादा है। इसकी वजह इसी साल होने वाले राज�?य के विधानसभा च�?नाव भी हैं, क�?योंकि वर�?ष 2018 में ह�?�? विधानसभा च�?नाव में कांग�?रेस और भाजपा के बीच कांटे का म�?काबला रहा था।
आगामी च�?नाव में भी म�?काबला बराबरी का रहने की संभावना है। लिहाजा, भाजपा के लि�? संघ ने जमीन मजबूत करने के प�?रयास तेज कर दि�? हैं।
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