राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ: मैकाले की नीति से खत्म हुई भारतीय शिक्षा पद्धति

उत्तरप्रदेश | राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ काशी विभाग के बौद्धिक प्रमुख दिनेश पाठक ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रवाद का निर्माण करना होना चाहिए. इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों और समाज के हर व्यक्ति और संस्था के कंधों पर है. वह राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से ‘राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक व शिक्षक के हित में समाज’ विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
मंडुवाडीह स्थित वाराणसी पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पीडीडीयू नगर के एलबीएस पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. उदयन मिश्र ने कहा कि शिक्षा के भारतीयकरण की सर्वाधिक आवश्यकता है. अंग्रेजों ने लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति से भारतीय शिक्षा पद्धति को खत्म कर दिया. विशिष्ट अतिथि मलिकपुरा पीजी कालेज गाजीपुर के प्राचार्य प्रो. डॉ. दिवाकर सिंह ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों व छात्रों को पढ़ाने से ज्यादा अन्य कार्यों में उलझाया जा रहा है. इस पर रोक लगनी चाहिए. विशिष्ट अतिथि भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षकों का एकमात्र कार्य छात्रों को ज्ञान देना है.

संचालन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ वाराणसी के जिलाध्यक्ष शशांक कुमार पाण्डेय और जिला महामंत्री आनंद कुमार सिंह ने किया. धन्यवाद महासंघ के महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष डॉ. रमा रुखैयार ने दिया.
महासंघ की कार्यकारिणी का विस्तार
कार्यक्रम के बाद राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ वाराणसी की कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए कमलेश यादव और धीरेन्द्र सिंह को जिला मंत्री तथा अजय कुमार एवं चंद्रमोहन यादव को जिला संयुक्त मंत्री बनाया गया. शिक्षकों के बीच में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए महासंघ वाराणसी की कार्यकारी जिलाध्यक्ष ज्योति प्रकाश तथा महिला विंग की महामंत्री कुमुद सिंह को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में महिला शिक्षक संघ वाराणसी की जिलाध्यक्ष छवि अग्रवाल महासंघ में शामिल हुईं. उन्हें महिला प्रकोष्ठ का कार्यकारी जिलाध्यक्ष बनाया गया है.