नगर निगम सदन आज हंगामे की पूरी आशंका


हिमाचल प्रदेश | नगर निगम शिमला सदन की बैठक आज शुक्रवार को होगी। दोपहर 2.30 बजे होने वाले इस सदन में शहर के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होनी है. इस सदन में शहर में लगने वाली स्ट्रीट लाइट और ड्रेनेज सिस्टम को लेकर हंगामा होने की संभावना है. शहर की जर्जर सड़कों की मरम्मत को लेकर पार्षद भी आंदोलन करने वाले हैं. पिछले सदन में पारित आदेशों को लेकर नगर निगम की हेरिटेज कमेटी के सदस्य भी आक्रोशित रहेंगे. पिछले सदन में निर्णय लिया गया था कि टाउन हॉल में बने रेस्टोरेंट के बाहर जो आर्क लगाया गया है, उस पर नगर निगम शिमला और एमसी का लोगो लगाया जाए। इस पर सदन भी सहमत था और मेयर ने इस पर आदेश भी दिये थे, लेकिन अभी तक यहां नगर निगम का नाम नहीं बताया गया है. हालांकि, अब ठेकेदार को हाईकोर्ट से भी नोटिस जारी किया गया है. हाल ही में एफसीपीसी की बैठक भी आयोजित की गई थी, जिसमें शहर के करीब 63 कार्यों को सदन में लाया जाना है. इस पर सभी पार्षदों के साथ-साथ डिप्टी मेयर उमा कौशल ने पहले ही नाराजगी जतायी थी.
समिति के सदस्यों ने यहां तक कहा था कि यह एजेंडा भ्रमित करने वाला बनाया गया है। इसमें सभी वार्डों का जिक्र नहीं है. हालांकि इस बैठक में बारिश के कारण हुए काम को पूरा करने की बात हुई, लेकिन पार्षदों का कहना है कि बारिश के कारण पूरे शहर को नुकसान हुआ है. ऐसे में सभी वार्डों के कम से कम एक-एक मरम्मत कार्य को इसमें शामिल किया जाना चाहिए था, लेकिन इसमें सभी कार्यों का जिक्र नहीं किया गया है. एफसीपीसी की बैठक के दिन ही जीएफसी की बैठक भी बुलाई गई थी, लेकिन इसका एजेंडा तैयार नहीं किया गया, जिससे पार्षदों ने नाराजगी जताई. कनलोग वार्ड पार्षद आशा शर्मा का कहना था कि अगर एजेंडा तैयार नहीं था तो यह बैठक ही क्यों की गई। हमें चाय पीने के लिए आमंत्रित किया गया है. इसको लेकर उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को सदन में लाया जायेगा. बैठकों को लेकर नगर निगम सदन में हंगामे के भी आसार हैं.
दो बिस्वा जमीन फिर फंस सकती है
राज्य सरकार ऐसे गरीबों को दो बिस्वा जमीन दे रही है, जिनके पास अपनी जमीन नहीं है. ऐसे ही मामले नगर निगम क्षेत्र ढली में भी हैं। ऐसे में इन मामलों को लेकर एमसी में बहुत कम लोग हैं। ऐसे में एमसी के प्रस्ताव को लेकर पिछले सदन में भी मामला आया था, जिस पर सभी पार्षदों ने आपत्ति जताई थी. पार्षदों ने कहा कि यह आकलन सभी वार्डों में होना चाहिए और हर वार्ड से कम से कम एक व्यक्ति को जमीन मिलनी चाहिए, जो वास्तव में गरीब है. अगर किसी एक व्यक्ति को जमीन मिलेगी तो अन्य लोग इसका विरोध करेंगे और पार्षद से इसकी मांग करेंगे. जो सही नहीं है. इसके बावजूद इस बार भी एक शख्स का मामला सदन में आने वाला है. इसे लेकर भी पार्षद अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले हैं.

हिमाचल प्रदेश | नगर निगम शिमला सदन की बैठक आज शुक्रवार को होगी। दोपहर 2.30 बजे होने वाले इस सदन में शहर के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होनी है. इस सदन में शहर में लगने वाली स्ट्रीट लाइट और ड्रेनेज सिस्टम को लेकर हंगामा होने की संभावना है. शहर की जर्जर सड़कों की मरम्मत को लेकर पार्षद भी आंदोलन करने वाले हैं. पिछले सदन में पारित आदेशों को लेकर नगर निगम की हेरिटेज कमेटी के सदस्य भी आक्रोशित रहेंगे. पिछले सदन में निर्णय लिया गया था कि टाउन हॉल में बने रेस्टोरेंट के बाहर जो आर्क लगाया गया है, उस पर नगर निगम शिमला और एमसी का लोगो लगाया जाए। इस पर सदन भी सहमत था और मेयर ने इस पर आदेश भी दिये थे, लेकिन अभी तक यहां नगर निगम का नाम नहीं बताया गया है. हालांकि, अब ठेकेदार को हाईकोर्ट से भी नोटिस जारी किया गया है. हाल ही में एफसीपीसी की बैठक भी आयोजित की गई थी, जिसमें शहर के करीब 63 कार्यों को सदन में लाया जाना है. इस पर सभी पार्षदों के साथ-साथ डिप्टी मेयर उमा कौशल ने पहले ही नाराजगी जतायी थी.
समिति के सदस्यों ने यहां तक कहा था कि यह एजेंडा भ्रमित करने वाला बनाया गया है। इसमें सभी वार्डों का जिक्र नहीं है. हालांकि इस बैठक में बारिश के कारण हुए काम को पूरा करने की बात हुई, लेकिन पार्षदों का कहना है कि बारिश के कारण पूरे शहर को नुकसान हुआ है. ऐसे में सभी वार्डों के कम से कम एक-एक मरम्मत कार्य को इसमें शामिल किया जाना चाहिए था, लेकिन इसमें सभी कार्यों का जिक्र नहीं किया गया है. एफसीपीसी की बैठक के दिन ही जीएफसी की बैठक भी बुलाई गई थी, लेकिन इसका एजेंडा तैयार नहीं किया गया, जिससे पार्षदों ने नाराजगी जताई. कनलोग वार्ड पार्षद आशा शर्मा का कहना था कि अगर एजेंडा तैयार नहीं था तो यह बैठक ही क्यों की गई। हमें चाय पीने के लिए आमंत्रित किया गया है. इसको लेकर उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को सदन में लाया जायेगा. बैठकों को लेकर नगर निगम सदन में हंगामे के भी आसार हैं.
दो बिस्वा जमीन फिर फंस सकती है
राज्य सरकार ऐसे गरीबों को दो बिस्वा जमीन दे रही है, जिनके पास अपनी जमीन नहीं है. ऐसे ही मामले नगर निगम क्षेत्र ढली में भी हैं। ऐसे में इन मामलों को लेकर एमसी में बहुत कम लोग हैं। ऐसे में एमसी के प्रस्ताव को लेकर पिछले सदन में भी मामला आया था, जिस पर सभी पार्षदों ने आपत्ति जताई थी. पार्षदों ने कहा कि यह आकलन सभी वार्डों में होना चाहिए और हर वार्ड से कम से कम एक व्यक्ति को जमीन मिलनी चाहिए, जो वास्तव में गरीब है. अगर किसी एक व्यक्ति को जमीन मिलेगी तो अन्य लोग इसका विरोध करेंगे और पार्षद से इसकी मांग करेंगे. जो सही नहीं है. इसके बावजूद इस बार भी एक शख्स का मामला सदन में आने वाला है. इसे लेकर भी पार्षद अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले हैं.
