रामनाथप�?रम के किसानों को 2023 से बड़ी उम�?मीदें हैं

जनता से रिश�?ता वेबडेस�?क। हालांकि यह �?क उज�?ज�?वल नोट पर श�?रू ह�?आ, 2022 ने किसानों को म�?धार में छोड़ दिया। सिंचाई के लि�? पानी की व�?यापक कमी और वर�?षा की कमी कई खेतों में खेती की भरपाई करती है। जिले के किसानों को अब उम�?मीद है कि वे कम से कम 2023 में भरपूर फसल काट पा�?ंगे और अपने कर�?ज का भ�?गतान कर पा�?ंगे।

राज�?य में धान की सबसे बड़ी खेती करने वालों में से �?क होने के नाते, जिले में 1.3 लाख हेक�?टेयर से अधिक भूमि का उपयोग �?क ही मौसम में फसल की खेती के लि�? किया जाता है। धान के अलावा, रामनाथप�?रम म�?ंडू मिर�?च और कपास जिले में सबसे बड़ी खेती वाली फसलें हैं। जबकि क�?छ क�?षेत�?र सिंचाई के लि�? वैगई नदी के पानी पर निर�?भर हैं, शेष खेत केवल वर�?षा पर निर�?भर हैं।
द न�?यू इंडियन �?क�?सप�?रेस से बात करते ह�?�?, �?क किसान और वैगई सिंचाई किसान संघ से ज�?ड़े �?क कार�?यकर�?ता, बकियानाथन ने कहा, “सिंचाई �?क प�?रम�?ख म�?द�?दा रहा है जो साल-दर-साल किसानों को परेशान करता रहा है। सेत�?पति राजा के काल में, हजारों सिंचाई जिले में कई टैंक बने ह�?�? थे और किसान हर साल दो से तीन चक�?र खेती कर पाते थे। वे टैंक आज भी मौजूद हैं, लेकिन रखरखाव ठीक से नहीं होने के कारण वे बारिश के पानी को ठीक से स�?टोर नहीं कर पा रहे हैं। इस प�?रकार, अब हम �?क चक�?र भी पूरा करने के लि�? संघर�?ष कर रहे हैं हर साल खेती की।
उम�?मीद जताते ह�?�? कि राज�?य सरकार किसानों के लि�? वैगई पानी की उपलब�?धता स�?निश�?चित करने के लि�? शाखाओं की नहरों से गाद निकालने के लि�? कदम उठा�?गी, बक�?कियानाथन ने कहा कि अधिकारियों को ईसीआर के साथ �?क नहर का निर�?माण भी करना चाहि�? ताकि कोल�?लिदम नदी से अतिरिक�?त पानी रामनाथप�?रम में टैंकों तक पह�?ंच सके।
किसानों द�?वारा उठाई गई �?क अन�?य मांग धान पर कृषि विज�?ञानी �?म�?स स�?वामीनाथन की रिपोर�?ट के अन�?पालन में धान के लि�? न�?यूनतम समर�?थन मूल�?य तय करना था। उन�?होंने यह भी कहा कि वर�?षों से जिले में खजूर के पेड़ों की संख�?या घटती जा रही है। उन�?होंने कहा, “इस साल, राज�?य सरकार को जिले में ताड़ के वृक�?षारोपण को समृद�?ध करने के प�?रयास करने चाहि�? और इससे भूजल तालिका को रिचार�?ज करने में भी मदद मिलेगी।”
�?क अन�?य किसान म�?र�?गन ने कहा कि जिले की अपनी म�?ंडू मिर�?च की खेती जिले में लगभग 14,000 हेक�?टेयर में की जाती है। जिले भर के मिर�?ची किसानों ने अपनी उपज के लि�? भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प�?राप�?त करने के लि�? उपाय करने के लि�? सरकार पर अपनी उम�?मीदें टिकाई हैं।