राजस�?व अदालतों में नहीं हो सका जमीन का ट�?रायल ‘पूरी तरह से ऑनलाइन’
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जयप�?र न�?यूज: प�?रदेश के मंडलाय�?क�?त, कलेक�?टर, �?सडी�?म व तहसीलदार के साथ ही राजस�?व मंडल सहित अन�?य राजस�?व न�?यायालयों में बंटवारा, तकसामा व भूमि विवाद के म�?कदमों की प�?रक�?रिया दो साल में भी ‘पूरी तरह से ऑनलाइन’ नहीं हो पाई है. प�?रदेश के अधिकांश जिलों में म�?कदमा दर�?ज करने की प�?रक�?रिया ऑफलाइन और मैन�?अल ही है। वहीं, मामले के निस�?तारण पर भी फैसला ड�?प�?लीकेट आवेदन के बाद ही मिल पाता है। जबकि हाईकोर�?ट व राजस�?व मंडल के फैसले वेबसाइट पर अपलोड हो जाते हैं।
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राजस�?व मंडल ने दो साल पहले अक�?टूबर 2020 में सभी राजस�?व न�?यायालयों में कागज रहित कामकाज और डिजिटलीकरण की पहल करते ह�?�? ऑनलाइन म�?कदमेबाजी श�?रू की थी। ताकि न�?यायालयों के कामकाज को स�?विधाजनक और पारदर�?शी बनाया जा सके। राज�?य के सभी राजस�?व न�?यायालयों को सामान�?यीकृत न�?यायालय प�?रबंधन प�?रणाली (जीसी�?म�?स) से जोड़ा गया है। केस पंजीकरण स�?विधा भी जीसी�?म�?स के माध�?यम से ऑनलाइन उपलब�?ध कराई जानी थी। लेकिन अभी तक अधिकांश न�?यायालयों में ऑनलाइन केस दर�?ज करने की प�?रक�?रिया श�?रू नहीं हो पाई है। करीब 70 फीसदी मामले ही ऑनलाइन दर�?ज कि�? जाते हैं। इससे वकीलों के साथ-साथ वादी और प�?रतिवादी में भी भ�?रम की स�?थिति है।