अवैध कारोबार करने वालों ने निकाला नया रास�?ता, इस तरह सप�?लाई की जा रही ‘ठेकों की शराब’
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जालंधर। अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने के लि�? �?क�?साइज विभाग ने बोतल पर ‘क�?यूआर कोड’ छापना श�?रू किया है ताकि शराब के कथित ठेकेदार अवैध ढंग से शराब न बेच सकें। विभाग के इस पैंतरे का अवैध शराब के कारोबार में लिप�?त ठेकेदारों ने रास�?ता निकाल लिया है। बोतल पर छपा ‘क�?यूआर कोड’ मिटा कर ठेकों में बिकने वाली शराब तस�?करों के माध�?यम से बेची जा रही है।
मार�?कीट की बात करें तो इस समय डिमांड में तेजी के कारण बिक�?री जोरों पर है जिसके चलते इस कारोबार से ज�?ड़े लोगों के हौंसले ब�?लंद हैं और वह मोटी कमाई कर रहे हैं। चंडीगढ़ से आने वाली शराब की बिक�?री के म�?काबले पंजाब मार�?का शराब की बिक�?री कई ग�?णा अधिक है क�?योंकि इसमें मिलावट की आशंका कम रहती है।
चंडीगढ़ से शराब लाने वाले तस�?करों द�?वारा बोतलों की पेटियां लाने को महत�?व दिया जाता है क�?योंकि हॉफ या क�?वार�?टर की पेटी लाने से म�?नाफा कम होता है। जानकार बताते है कि बोतल से छोटी पैकिंग वाली शराब की पेटियां चंडीगढ़ से पंजाब लाने का खर�?चा अधिक पड़ जाता है। इसके चलते चंडीगढ़ वाली शराब का हॉफ इत�?यादि मार�?कीट में उपलब�?ध नहीं है।
चंडीगढ़ में बिकने वाला क�?वार�?टर मिलना दूर की बात कही जा�? तो गलत नहीं होगा। शायद ही कोई �?सा तस�?कर होगा जिसके पास से चंडीगढ़ मार�?का शराब के क�?वार�?टर मिलते रहे होंगे, लेकिन अब �?सा नहीं है, बाजार में तस�?करी वाली शराब का सस�?ता क�?वार�?टर भी बिकने लगा है। इसका कारण यह है कि पंजाब मार�?का शराब की सप�?लाई नजदीक के किसी ग�?र�?प द�?वारा की जा रही है जिसके चलते लेकर आने का कोई अधिक �?ं�?ट नहीं है।
मोटा ज�?र�?माना, शराब का लाइसैंस रद�?द होने का प�?रवधान क�?यूआर कोड’ छापने के पीछे विभाग का म�?ख�?य मकसद अवैध शराब की बिक�?री पर रोक लगाने से प�?रेरित है। इसके जरि�? कोड को स�?कैन करके आसानी से पता लगाया जा सकता है कि संबंधित शराब किस ग�?र�?प के लि�? अलॉट की गई है। ठेके के नियमों के म�?ताबिक तस�?करों को शराब बेचने वालों का लाइसैंस रद�?द होने का भी प�?रावधान है व मोटा ज�?र�?माना लगना तय है। जानकारों का कहना है कि विभाग शराब ठेकेदारों का यह अवैध कारोबार बंद करवाना चाहता है। कई कथित ठेकेदारों द�?वारा पैसे कमाने के लालच में तस�?करों को ठेकों की शराब सप�?लाई की जाती है। पिछले समय के दौरान अमृतसर में इसी तरह का �?क बड़ा केस पकड़ा जा च�?का है। विभाग इस केस में तस�?करों व ठेकेदार तक भी पह�?ंच च�?का है।इसके चलते मार�?कीट में पेटी, बोतल के अलावा हॉफ व क�?वार�?टर भी आसानी से उपलब�?ध करवाया जा रहा है ताकि ग�?राहकों की डिमांड को पूरा किया जा सके। बीते रोज तक हॉफ की बातें सामने आ रही थी। सूत�?रों का कहना है कि ऑन डिमांड क�?वार�?टर (पाइया) भी बेचे जा रहे हैं। खपत के म�?ताबिक पंजाब की शराब मिलने के कारण तस�?करों की शराब के ग�?राहकों में बेहद इजाफा ह�?आ है। इसका कारण यह है कि रूटीन में बिकने वाली जिस शराब की बोतल के ठेके पर 600 र�?प�? अदा करने पड़ते हैं वही शराब की बोतल अवैध कारोबार करने वालों से 400 र�?प�? में आसानी से मिल जाती है। प�?रति बोतल अच�?छी-खासी बचत होने के कारण रूटीन में शराब पीने वाले लोग ठेकों पर जाने से ग�?रेज कर रहे हैं और अवैध कारोबार करने वाले चांदी कूट रहे हैं।
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